मुंबई/जल्द ही महाराष्ट्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा जोर शोर से शुरू की गई ‘राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना (आरजीजेएवाई)’ केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) का हिस्सा बनने जा रही है। बता दें कि आरएसबीवाई वहीं योजना है, जो महाराष्ट्र में चल नहीं पाई और 2011-12 के बीच बंद कर दी गई थी। राजनीतिक महकमों से आ रही खबरों की मानें तो कांग्रेस के शासन काल में शुरू की गई आरजीजेएवाई को, जल्द ही बीजेपी शासित केंद्र सरकार द्वारा देश भर में लॉच की जाने वाली ‘नैशनल हेल्थ अश्योरेंस मिशन’ (एनएएचएम) का हिस्सा बना लिया जाएगा। राजनैतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी सरकार आते ही, कांग्रेस सरकार के नाम वाली सभी योजनाओं को अपना नाम देना चाहती है।
30 दिसंबर को केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और आरजीजेएवाई को एनएएचएम का हिस्सा बनाने की तैयारी हो गई है।
NAHM में नहीं होंगी इंश्योरेंस कंपनी
अभी तक महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में सरकार द्वारा स्वास्थ्य से जुड़ी बीमा योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन नैशनल अश्योरेंस हेल्थ मिशन के तहत इंश्योरेंस मॉडल पर काम नहीं होगा। आरजीजेएवाई से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई आ रही एनएएचएम योजना में इंश्योरेंस कंपनी को नहीं जोड़ा जाएगा और यह काम आरएसबीवाई या योजना उपलब्ध कराने वाली सोसायटियां ही करेंगी। आरजीजेएवाई के सीईओ पीयूष सिंह ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में आरजीजेवाई को आरएसबीवाई में सम्मिलित करने की बात हुई है लेकिन अभी कई फैसले होने बाकी हैं। बता दें कि 2 जुलाई को आरजेजीवाई को तीन साल होने वाले हैं और जिसके साथ ही इंश्योरेंस कंपनी से हुआ तीन साल का अनुबंध भी समाप्त होने वाला है।
नहीं होगा मरीजों का नुकसान
एनएएचएम पूरी तरह से स्मार्ट कार्ड पर आधारित योजना होगी जिसे बनाने का काम श्रम विभाग करेगा। इन स्मार्ट कार्डों पर एक यूनीक रिसोर्स नंबर (यूआरएन) होगा जिसके माध्यम से कार्डधारक पूरे देश में इस स्कीम का फायदा ले सकेंगे। इस नई योजना में बड़ा बदलाव यह हुआ है कि अभी तक आरएसबीवाई को श्रम विभाग चला रहा था जिसे अब स्वास्थ्य विभाग चलाएगा। पीयूष सिंह ने बताया कि योजना के तहत कोई भी बदलाव हो लेकिन उसका असर लोगों पर नहीं होगा। उन्हें सुविधाएं यथावत मिलती रहेंगी। गौरतलब है कि यदि आरजीजेएवाई, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में मिलती है तो उसका फायदा लोगों को ही होगा। आरजीजेवाई में 971 प्रसीजर हैं जिनमें आरएसबीवाई के 1000 प्रसीजर भी शामिल हो जाएंगे और साथ ही बीमा की राशि डेढ़ लाख से बढ़ा कर 2 लाख हो सकती है।
‘अभी इसपर कुछ ठोस काम नहीं हुआ है। जैसे ही कोई फैसला लिया जाएगा, आपको जानकारी देंगे।’ डॉ़ दीपक सावंत, स्वास्थ्य मंत्री, महाराष्ट्र
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