केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने कहा है कि सरकार ने अगले पांच वर्षों में केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) की संख्या को मौजूदा 23 से बढा़कर 100 के स्तर पर पहुंचाने की योजना बनाई है। आज हरियाणा के मुरथल में सिपेट के हॉस्टल की आधारशिला रखने के बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इससे हर साल तकरीबन 4 लाख विद्यार्थियों को प्लास्टिक एवं पॉलिमर के उभरते क्षेत्र में हुनरमंद बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार कौशल विकास में बेहतरी लाने और प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ सपने को साकार करने में जुटी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘कौशल विकास’ को महज कुछ क्षेत्रों तक सीमित नहीं रखा जायेगा, बल्कि पूरे देश में इसे अमल में लाया जायेगा।
श्री अनंत कुमार ने कहा कि मुरथल स्थित सिपेट को आगे चलकर उच्च शिक्षा वाले केन्द्र के रूप में तब्दील किया जायेगा, जहां बीटेक, एमटेक और पीएचडी की डिग्रियां मिला करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार हरि याणा में एक और सिपेट की स्थापना करने के प्रति कटिबद्ध है। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए ‘कम करो, पुन: इस्तेमाल करो और नये सिरे से तैयार करो’ मंत्र पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के कचरा प्रबंधन के लिए देश में विशेष पाठ्यक्रम शुरू किये जायेंगे। मंत्री ने कहा कि प्लास्टिक उद्योग की क्षमता मौजूदा समय में 12 मिलियन टन है जिसके इस दशक के आखिर में बढ़कर 20 मिलियन टन के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है। हरियाणा सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि और ज्यादा लड़कियों को तकनीकी पाठ्यक्रम अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
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