स्वस्थ भारत मीडिया
फार्मा सेक्टर / Pharma Sector

स्वास्थ्य आंदोलन की ओर अग्रसर फार्मासिस्टों के स्वागत में…

आशुतोष कुमार सिंह
आशुतोष कुमार सिंह

नई दिल्ली
देश में कोई भी बड़ा परिवर्तन होता है तो उसकी गवाह दिल्ली बनती है। इसी तरह देश एक बार फिर से एक नए परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है। यह परिवर्तन है फार्मा सेक्टर का। फार्मा सेक्टर में जिस तरह से माफियाओं ने अपनी धाक जमा ली है, उनसे छुटकारा दिलाने के लिए देश के फार्मासिस्ट एकजुट हो रहे हैं। उनकी यह एकता आने वाले समय के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण संकेतक है।
 
 
व्यापक विषय है स्वास्थ्य
स्वास्थ्य एक बहुत बड़ा व व्यापक विषय है। आज हम इस विषय के एक महत्वपूर्ण पहलू पर चर्चा करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में फार्मासिस्टों की उपयोगिता को मैं बहुत ही महत्वपूर्ण मानता आया हूं। मुझे लगता है कि जिस तरह से डॉक्टर, दवा व मरीज की चर्चा होती है, उस कड़ी में फार्मासिस्ट की चर्चा नहीं हो पाती। यह स्थिति दुर्भाग्यपूण हैं। जिस तरह से डॉक्टरों की इज्जत हम करते आएं हैं, उस कड़ी में फार्मासिस्ट को हम इज्जत नहीं दे पाएं हैं। आखिर ऐसा क्यों और कैसे हो गया। यह शोध का विषय हो सकता हैं लेकिन उससे भी पहले यह आत्मावलोकन का विषय भी है। आखिर क्यों फार्मासिस्ट समाज में अपनी वह इज्जत नहीं जमा पाएं जो उन्हें मिलनी चाहिए थी।
किराएं पर सर्टिफिकेट देना बंद करना होगा
इस संदर्भ में जहां तक मैं समझ पाया हूं, मुझे लगता है कि एक तरफ सरकार की स्वास्थ्य नीतियां जिम्मेदार रही हैं लेकिन उसी के समानांतर मुझे यह भी लगता है कि फार्मासिस्टों ने जिस दिन से खुद को बेचना शुरू किया उस दिन से उनकी आवाज दबती चली गयी। आप मित्रो को यह पता लगना होगा कि वह कौन पहला फार्मासिस्ट रहा होगा जिसने अपना सर्टीफिकेट चंद रुपयों की लालच में गिरवी रखा होगा। इन्हीं चंद रुपयों की लालच ने आपको कमजोर कर दिया। आप कभी एक नहीं हो पाएं। आपकी समस्याएं और बड़ी होती चली गयीं और आप मन ही कभी सरकार को तो कभी खुद को कोसते रह गए।
सोशल मीडिया को योगदान
इन सबके बीच पिछले दो-तीन वर्षों में खासतौर से सोशल मीडिया के उभार के बाद जिस तरीके से आप मित्रो ने अपनी समस्याओं को साझा किया है, अपनी बातों को एक मंच से कहने की ताकत जुटाई है, यह उसी का कमाल है कि आप सैकड़ों की तादाद में लाखों फार्मासिस्टों का संदेश लेकर दिल्ली आ पहुंचे हैं। आपकी इस एकता को सलाम करता हूं।
#स्वस्थ_भारत_अभियान आप मित्रो के साथ हमेशा से खड़ा रहा है। दिल्ली पहुंच रहे ज्यादातर मित्रो से मेरी बातचीत होती रही है, लेकिन मुलाकात पहली बार होने जा रही है, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है कि हम पहली बार मिलने वाले हैं। इस मौके पर खासतौर से विनय कुमार भारती व उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र है कि इतने कम समय में देश तमाम राज्यों से आप मित्रो को बुलाकर एक सम्मेलन का रूप देना बहुत ही साहस का काम है।
सम्मेलन की उपयोगिता
यह सभा भारत के स्वास्थ्य सेक्टर के इतिहास में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखेगा। इस सम्मेलन में हमारे कई पत्रकार मित्र रहेंगे, वे इस सभा के महत्व को अच्छी तरह से रेखांकित कर पायेंगे। जहां तक मेरी जानकारी है, राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा पहली बार हो रहा है कि पूरे देश के फार्मासिस्ट एक सभामंडल में बैठने जा रहे हैं और अपनी समस्याओं व समाधान पर चिंतन-मनन कर रहे हों। इस चिंतन-मनन से निकलने वाले परिणाम की महत्ता को मैं समझ रहा हूं। संख्या में बेशक ये मुट्ठी भर दिख रहे हैं लेकिन आपमें इतनी मारक क्षमता है कि आप चाहें तो देश की स्वास्थ्य-व्यवस्था को स्वस्थ कर सकते हैं। मुझे आप मित्रो से बहुत उम्मीदे हैं।
स्वस्थ भारत अभियान की उम्मीदे
हम यानी स्वस्थ भारत अभियान चाहता है कि आप स्वास्थ्य- मित्र बनें। देश की जनता के सेवक बनें। आप मेडिकल-फिल्ड की सही जानकारी लोगों को दें। हम तो यह भी चाहते हैं कि यदि आप तैयार हों तो आपका संपर्क-सूत्र आपके नाम व क्षेत्र के साथ इस वेबसाइट स्वस्थ भारत डॉट इन पर डाल दें। ताकि यदि किसी को स्वास्थ्य संबंधी कुछ पूछना हो तो आप उन्हें बता सकें। आप चाहे तों अपने ज्ञान से सरकार की तमाम योजनाओं के बारे में आम लोगों को जागरूक कर सकते हैं, जिनकी जानकारी के अभाव में सरकारी पैसा बाबुओं व दलालों की जेब में जा रहा है। सच्चाई तो यह है कि आपलोगों को देखकर ऐसा लग रहा है कि वह दिन दूर नहीं जब ‘स्वस्थ भारत’ का हम सब का सपना साकार होगा!
 

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2 comments

sanjay June 18, 2016 at 9:09 pm

Pharmacist ko unka huk milna chahiye or jo bhi wrong tarike s business kar rhe h pharma m unke khilaf action lena chahiye,,,

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Mridul Bora June 20, 2016 at 12:16 pm

I agree all of you.

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