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गंदे हाथों से नसबंदी, 4 महिलाओं की मौत

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी के दौरान हुई गड़बड़ी ने चार महिलाओं की जान ले ली है। स्वस्थ भारत अभियान मृतकों के परिजनों के साथ है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर आपको इस दुःख की घड़ी में सबल बनाएं। सरकार से स्वस्थ भारत अभियान मांग करता है कि वह दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। संपादक

गंदे हाथों ने ले ली जान...
गंदे हाथों ने ले ली जान…

बिलासपुर। सकरी के पेंडारी में शनीवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित नसबंदी शिविर में डाक्टरों की लापरवाही से महिलाओं की जान पर बन आई। आपरेशन में बरती गई लापरवाही के चलते सोमवार को चार महिलाओं की मौत हो गई और 25 अन्य महिलाएं बीमार हो गर्इं। बीमार महिलाओं को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिला की मौत से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने साफ सफाई का ख्याल रखे बिना आॅपरेशन किया था और एक की निडिल से अन्य महिलाओं को इंजेशन दिया था। इससे आॅपरेशन के बाद महिलाओं में संक्रमण फैल गया। मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने 8 नवंबर को सकरी पेण्डारी स्थित नेमीचंद जैन हास्पिटल में नसबंदी शिविर लगाया था। शिविर में मितानिन आसपास गांवों से महिलाओं को नसबंदी का आपरेशन कराने के लेकर आई थीं। शिविर में जिला अस्पताल के डाक्टर आरके गुप्ता ने दूरबीन पद्धति से 83 महिलाओं का आपरेशन किया। आॅपरेशन के बाद महिलाओं को घर भेज दिया गया। शिविर में चिचिरदा निवासी जानकी सूर्यवंशी पति विद्यासागर सर्यूवंशी 26 वर्ष का भी आपरेशन किया गया था। जानकी के पति विद्यासागर ने बताया, शिविर से घर लौटने के बाद रात में जानकी के पेट में दर्द देने लगा और उसे चक्कर आने लगा। उसके बाद सुबह दस्त की शिकायत हो गई। देखते ही देखते जानकी बाई की हालत खराब होने लगी। विद्यासागर ने घटना की जानकारी गांव की मितानित को दी, उसने तत्काल जानकी बाई को जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी। परिजन के द्वारा रविवार की रात जानकी बाई को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोमवार की सुबह 6 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इधर शिविर में आपरेशन कराने वाली अन्य महिलाओं को भी पेट दर्द, दस्त, चक्कर आने की शिकायत होने लगी। सूचना पर संजीवनी 108 से पीड़ित महिलाओं को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नसबंदी के आपरेशन से महिला की मौत व 25 महिलाओं का स्वास्थ्य खराब होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। पीड़ित महिलाओं को मेडिकल वार्ड में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। इधर मृतक महिला के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के बाद उसे परिजन को सौंप दिया गया है। सूत्रों के अनुसार शिविर में आपरेशन के दौरान घोर लापरवाही बरती गई। एक सुई से सभी महिलाओं को टांका लगाया, वहीं बिना ग्लोब्स लगाए आपरेशन किया गया, जिससे महिलाओं को संक्रमण हो गया। आपरेशन के बाद महिलाओं की हालत खराब होने लगी।
ज्ञात हो कि जनवरी 2014 में गांधी चौक स्थित सिटी डिस्पेंसरी में नसबंदी का शिविर लगाया गया था। उस दौरान भी आपरेशन के बाद एक महिला की हालत खराब हो गई थी। उन्हें इलाज के लिए सिम्स में भर्ती कराया गया था।
सीएमओ आर के भांगे ने बताया कि मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय डाक्टरों की टीम बनाई गई है। डाक्टर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करेंगे। इंफेक्शन होने से महिलाओं के स्वास्थ्य खराब होने की संभावना जताई जा रही है। तखतपुर के बीएमओ ने बताया कि आपरेशन के बाद भोजन करने से तबियत खराब हो सकती है। मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कारणों का खुलासा हो पाएगा। स्वास्थ्य कार्यकताओं को जांच के लिए गांव भेजा गया है।
बिलासपुर के कलेक्टर सिद्धार्थ कोलल सिंह परदेसी ने बताया कि नसबंदी शिविर में आपरेशन कराने वाली तीन महिलाओं की मौत हुई है। अभी हम प्राथमिकता के साथ मरीजों के इलाज में ध्यान दे रहे हैं और अपोलो हास्पिटल, सिम्स व जिला अस्पताल में इलाज की व्यवस्था करा रहे हैं। यह जांच की जा रही है कि इस घटना के पीछे कारण क्या है। इसके पीछे जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने महिलाओं की मौत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने घटना को गंभीरता से लिया है और कहा है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी और किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। डॉ.रमनसिंह ने इस मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक को मेडिकल कॉलेज के तीन प्रोफेसरों के साथ बिलासपुर जाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य संचालक और तीनों प्रोफेसर बिलासपुर रवाना हो गए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री के निर्देश पर मामले की जांच के लिए तीन सदस्ईय समिति भी गठित की गई है। समिति में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक, एक महिला डॉक्टर और एक नसबंदी विशेषग्य सर्जन शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने बिलासपुर जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित महिलाओं का बेहतर से बेहतर इलाज किया जाए और मृतक महिलाओं के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। देर शाम स्वास्थ्यमंत्री अमर अग्रवाल के निवास पर लोगों ने इस घटना के खिलाफ हंगामा भी किया।
साभारः www.hellocg.com/

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