स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

बिलासपुर नसबंदी मामलाः बिलखते मासूमों को गोद लेकर दर्द बांटेगी सरकार

  • सबंदी शिविरों का मामला : मृत महिलाओं के बच्चों को गोद लेगी राज्य सरकार
  • प्रत्येक बच्चे के नाम पर दो लाख रुपए की एफ.डी.
  • हर बच्चे को 18 वर्ष की उम्र तक पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार देगी
  • प्रत्येक बच्चे को मिलेगा हेल्थ कार्ड : अपोलो अस्पताल में 18 वर्ष की उम्र तक निःशुल्क इलाज की सुविधा
बिलासपुर मामलाःमलहम लगाने का प्रयास करती सरकार
बिलासपुर मामलाःमलहम लगाने का प्रयास करती सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। साथ ही सरकार को इस मामले को और गंभीरता से लेते हुए इसकी जाँच की गति को तेज करने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ यदि पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने में सफल रहता है तो यह देश के बाकी राज्यों के लिए एक नज़ीर साबित होगा। रमण सिंह सरकार को इस मामले को सीबीआई से जाँच करानी चाहिए क्योंकि यह मामला बहुत ही पेचिदगियों से भरा हुआ है। संपादक

एसबीए टीम

रायपुर। राज्य सरकार ने आज एक अत्यंत संवेदनशील पहल करते हुए बिलासपुर जिले के नसबंदी प्रकरणों में मृत महिलाओं के सभी बच्चों को गोद लेने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि इन बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दृष्टि से वयस्क होने तक उन्हें राज्य सरकार की ओर से गोद लिया जाएगा। बैठक में विचार-विमर्श के बाद मुख्यमंत्री ने तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि मृत महिलाओं के प्रत्येक नाबालिग बच्चे के नाम पर दो लाख रूपए की एफ.डी. की जाएगी, जो उस बच्चे और कलेक्टर के नाम से संयुक्त रूप से होगी। बच्चे के वयस्क होने पर यह राशि उसे मिल जाएगी। खाते का संचालन वह स्वयं कर सकेगा। प्रत्येक बच्चे के लिए 18 वर्ष की उम्र तक बच्चे और उसके परिवार की इच्छा के अनुसार राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक बच्चे का हेल्थकार्ड बनेगा। इसके आधार पर उस बच्चे को बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में 18 वर्ष की उम्र तक निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन फैसलों पर त्वरित अमल करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री शिवराज सिंह, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख  सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, सचिव श्री सुबोध सिंह और संयुक्त सचिव श्री रजत कुमार भी उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि बिलासपुर जिले के ग्राम संकरी (पेंडारी), पेण्ड्रा, गौरेला और मरवाही में आयोजित इस महीने की आठ और दस तारीख को नसबंदी शिविर लगाए गए थे। इन शिविरों में ऑपरेशन के बाद अनेक महिलाएं बीमार हो गईं, जिन्हें बिलासपुर के शासकीय जिला अस्पताल, सिम्स और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद इनमें से तेरह महिलाओं को नहीं बचाया जा सका। अन्य बीमार महिलाओं का सघन इलाज जारी है।
यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह इस घटना में मृत महिलाओं के परिवारों के लिए चार-चार लाख रूपए और गंभीर बीमार महिलाओं के निःशुल्क इलाज सहित 50-50 हजार रूपए की सहायता देने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। उन्होंने स्वयं इस महीने की 11 तारीख और 13 तारीख को बिलासपुर जाकर महिलाओं के इलाज की सम्पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की है और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स (नई दिल्ली) तथा अपोलो अस्पताल हैदराबाद के वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम बुलाकर महिलाओं के सर्वश्रेष्ठ इलाज के हर संभव उपाय किए हैं। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण की न्यायिक जांच के लिए एकल सदस्यीय जांच आयोग का भी गठन कर दिया है। राज्य सरकार ने इस मामले में दो अधिकारियों को निलम्बित किया है और अन्य दो अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त अधिकारियों में ऑपरेशन करने वाला सर्जन भी शामिल हैं। सर्जन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार भी किया गया है।

साथ में http://www.hellocg.com/

 

Related posts

Researchers focus on inactivated virus vaccine for novel corona virus

Ashutosh Kumar Singh

ड्रग रेसिस्टेंस एंटीबायोटिक बनाने की चल रही तैयारी

admin

एक साथ कई पुस्तकों का हुआ लोकार्पण

admin

Leave a Comment