स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

दिव्‍यांगजनों को मुख्‍यधारा में लाया जाना चाहिए : थावरचंद गहलोत

dibyangjan-is-an-integral-part-of-our-society

नई दिल्ली/ आशुतोष कुमार सिंह
भारत सरकार दिव्यांगजनों को हर संभव मदद करने में जुटी हुई है। दिव्यांगजनों की बेहतरी के लिए सुगम्य भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में पिछले दिनों नई दिल्ली में सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन दिव्‍यांगजन विभाग द्वारा आयोजित ‘जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्र राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन’ का आयोजिन किया गया।

दिब्यांगजन हमारे समाज के अभिन्न अंग हैं

इस अवसर पर बोलते हुए केन्‍द्रीय सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि, दिव्‍यांगजन हमारे समाज के अभिन्‍न अंग है और उन्‍हें मुख्‍यधारा में लाये जाने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय स्‍तर पर दिव्‍यांगजन के कल्‍याण के लिए जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्रों को मजबूत किया जाएगा। दिव्यांगजनों की सेवा करना बहुत बड़ी सेवा है। जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्र दिव्‍यांगजनों को समग्र सेवाएं उपलब्‍ध कराते हैं और जागरूकता सृजन, पुनर्वास एवं पुनर्वास पेशेवरों को प्रशिक्षण देने के लिए जिला स्‍तर पर ढांचागत और क्षमता निर्माण का काम करते हैं।

गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्रालय

सरकार द्वारा साढे चार साल में किए गए रिपोर्ट कार्ड को साझा  करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान दिव्‍यांगजनों के पुनर्वास के क्षेत्र में दुनिया भर में पहचान बनाई है और आजादी के बाद पहली बार मंत्रालय ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में छह रिकार्ड दर्ज कराए हैं। उन्‍होंने कहा कि दिव्‍यांगजनों के लिए पहचान पत्र बनाये जा रहे हैं, जो दिव्‍यांगजनों को सभी सुविधाएं हासिल करने के लिए देशभर में मान्‍य होंगे। पहचान पत्र बनाने का काम 24 राज्‍यों ने शुरू कर दिया है।

7300 से ज्यादा एडीआइपी शिविर आयोजित

श्री गहलोत ने बताया कि सभी बहुमंजिला सरकारी इमारतों, रेलवे स्‍टेशनों, हवाई अड्डों और बस स्‍टैंडों को ‘सुगम्‍य भारत अभियान’ के तहत लिफ्ट और स्‍वचालित सीढि़यां बनाकर दिव्‍यांगजनों के लिए आसान बनाया जा रहा है। मंत्रालय ने दिव्‍यांगजनों के सात वर्गों को बढ़ाकर 21 कर दिया है। दिव्‍यांगजनों की पढ़ाई में मदद के लिए वर्ष 2015 से छह नई छात्रवृत्तियां शुरू की गई हैं। उच्‍चतर शिक्षा में 5 और सरकारी नौकरियों में 4 फीसदी का आरक्षण भी दिया गया है। दिव्‍यांगजनों को सहायक यंत्रों और साधनों के वितरण के लिए देशभर में मंत्रालय 7,300 से ज्‍यादा एडीआइपी शिविरों का आयोजन कर चुका हैं। मंत्रालय ने 1,300 बधिर बच्‍चों के लिए कान की सर्जरी की भी व्‍यवस्था की है।

दिव्यांगजनों की मदद के लिए सभी आएं आगे     

श्री गहलोत ने समाज के सभी तबकों से दिव्‍यांगजनों की पूरी क्षमता का इस्‍तेमाल करने के लिए उन्‍हें मुख्‍यधारा में लाने में मदद के लिए आगे आने का आह्वान किया है। अब बहुत दिव्‍यांगजन आत्‍मनिर्भर हो चुके हैं और अपने परिवार के कमाऊ सदस्‍य हैं। सम्‍मेलन का आयोजन जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्रों के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है,जिसका दिव्‍यांगजनों की बेहतरी में महत्‍वपूर्ण भूमिका है।
इस अवसर पर केन्‍द्रीय सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्‍य मंत्री श्री रामदास अठावले, श्रीमती शकुन्‍तला डी.गैम्‍बलिन और मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी मौजूद थे। इस एकदिवसीय सम्मेलन में जिन जिलों में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित हैं वहां के जिलाधीश, विभिन्‍न राज्‍यों के समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव, क्षेत्र से जुड़े एनजीओ, जिला समाज कल्याण अधिकारी, प्रसिद्ध डॉक्टर इत्यादि शामिल हुए।

 जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों की मौजूदा स्थिति पर एक नज़र

ध्यान देने वाली बात यह है कि देश के 310 जिलों को दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र स्थापित करने के लिए चिन्हित किया गया है। वर्तमान में इनमें से 263 जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। इन केन्द्रों को मुख्य काम जागरूकता सृजन, समय रहते हस्तक्षेप और दिव्यांगजनों के लिए सहायक यंत्र की जरूरत का आंकलन करने के साथ-साथ दिव्यांगजन पेशेवरों के माध्यम से इनको फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशेनल थेरेपी और स्पीच थेरेपी की सुविधा भी प्रदान कराना है। इतना ही नहीं ये केन्द्र पुनर्वास सेवाओं के लिए साधन भी उपलब्ध कराते हैं। इन योजनाओं की बजट को 01 अप्रैल, 2018 से बढ़ाकर ढाई गुना कर दिया गया है।
(इनपुट पीआइबी/ एसबी डेस्क)

Related posts

पूरा करना होगा 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य

admin

उत्तराखण्ड के लिए भी काम करे स्वस्थ भारत ट्रस्ट : धामी

admin

कैंसर के इलाज के लिए CAR-T Cell Therapy लॉन्च की राष्ट्रपति ने

admin

Leave a Comment