ग्वालियर/
टीबी के मरीज़ों के बढ़ते आंकड़ों ने सरकार की नींद उड़ा दी है। विज्ञापनों पर करोडो रूपये फूंकने के बाद सरकार नए नए तरीकों पर विचार कर रही है। सरकार ने टीबी के मरीज़ों को मुफ्त दवा (डॉट्स) पहुंचाने का काम गावं की साहिया, आंगनवाड़ी सेविका के अलावा ग्रामीण युवकों व पंचायत प्रतिनिधियों को दे रखा था। इस क्रम को बढ़ाते हुवे अब निजी क्षेत्रों की और ध्यान देना शुरू किया है। सरकार के इस नए फैसले के अंतर्गत अब कुछ चुनिंदा केमिस्ट को दवा स्टॉक करने की जिम्मेदारी दी है, जहाँ आसानी से टीबी के मरीज़ दवा ले सकेंगे। हालाँकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि केमिस्ट को इसके लिए कितने पैसे मिलेंगे ! चूँकि डॉट्स दवा निशुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
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1 comment
सर्का सरकार चाहे तो हर गांव में एक फार्मासिस्ट नियुक्त कर दे सभी समस्या का हल होजायेगा।।