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सरकार चाहे तो फार्मा हब के रूप में विकसित हो सकता है बिहारःबिनोद कुमार

पटना :29.11.2015

बिहार का दवा कारोबार बहुत बड़ा है। यहाँ दवा की खपत बहुत ज्यादा है। औषधियों का निर्माण, गुणवत्ता, भण्डारण व वितरण फार्मासिस्ट के जिम्मे हैं। बिहार में दवा कंपनियां करोड़ों डॉलर का टर्न ओवर पूरा कर रही हैं, सरकार को अच्छा खासा राजस्व भी  मिल रहा है वही बिहार में फार्मासिस्टों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है। फार्माक्युटिकल कंपनियों की बिहार से दूरी यहाँ के प्रतिभावान छात्रों को पलायन को मजबूर करती रही है। उन्हें सम्मानित वेतन तक नसीब नहीं। बिहार में नई-नई सरकार बनी है अगर बिहार सरकार चाहे तो बिहार में फार्मा हब विकसित कर युवाओं को रोजगार से जोड़ सकती है। उक्त बातें इंडियन फार्मासिस्ट ग्रेजुएट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष बिनोद कुमार ने राष्ट्रीय फार्मासिस्ट सप्ताह के आयोजन पर कही। 

पटना में राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह के आयोजन इंडियन फार्माक्युटिकल एसोसिएशन और इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएट एसोसिएशन के संयुक्त रूप से सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। रेस्पॉन्सिबल यूज़ ऑफ़  एंटीबायोटिक : सेव लाइफ के थीम पर चर्चा के बीच गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी के छात्र-छात्राओं को एंटीबायोटिक के इस्तेमाल के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम का नेतृत्व आईपीए के अध्यक्ष डॉ. एल के चौधरी और बिनोद कुमार ने संयुक्त रूप से कर रहे थे ।

पटना में निकली फार्मासिस्ट रैली
पटना में निकली फार्मासिस्ट रैली

 
समस्या का अंबार लगा है 
ड्रग डिपार्टमेंट के पास न ही मैन पावर है, न ही ज्यादा संसाधन । ड्रग टेस्टिंग के लिए एक मात्र लैब है जो खुद ही बीमार है। प्रयाप्त सुविधा नहीं होने से दवा की जांच में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वही मौके पर छात्रों ने अपनी समस्या को रखते हुए कहा कि हॉस्टल में कई तरह की समस्याएं हैं। एक अदद लाइब्रेरी तक नहीं जहाँ छात्र स्टडी कर सकें, छात्रों ने सरकार से डिजिटल लाइब्रेरी की मांग की है।
वेतन में बढ़ोतरी हो 
इंडियन फार्माक्युटिकल एसोसिएशन के प्रमुख डॉ. एल. के. चौधरी ने कहा कि बिहार में कैडर गठन के एक बर्ष बीत जाने के वावजूद भी अभी तक पे ग्रेड और प्रमोशन अटका पड़ा है। 7 वें वेतनमान का मुद्दा भी पटना में उठा  डॉ. चौधरी कहा कि 7 वें वेतनमान में फार्मासिस्टों के साथ अन्याय हुआ है। पीसीआई ने फार्मेसी को प्रैक्टिस प्रोफेशन का दर्ज़ा दिया है, पर बिहार राज्य के कर्मचारिओं की स्थिति को ठीक तो नहीं ही कहा जा सकता है। कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले फार्मासिस्टों के वेतन में भी बढ़ोतरी हेतु सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया।
नई सरकार से उम्मीदें हैं
आईपीजीए के संयुक्त सचिव सुधीर शस्त्रधर ने कहा की बिहार में नई सरकार बनी है स्वस्थ मंत्री युवा है उम्मीद है की वे प्रदेश में दवा वितरण प्रणाली को दुरुस्त कर बेरोजगार फार्मासिस्ट को रोजगार से जोड़ेंगे । उन्होंने जल्द ही स्वस्थ मंत्री से मिलने की बात कही।
कार्यक्रम के दौरान रैली निकाली
फार्मेसी सप्ताह के आयोजन के दौरान  छात्रों ने बड़ी ही उत्सुकता के साथ रैली निकाली। रैली गांधी मैदान, जेपी गोलम्बर से निकल कर लोगों को एंटीबायोटिक के बारे में जागरूक करते हुवे वापस गंतव्य तक पहुंची। रैली में इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव सुधीर शस्त्रधर, एस के सिंह, एस एस पाठक आईपीए के महासचिव आर. बंदोपाध्याय, गोपालजी बर्मा, बसंत कुमार, बीसीपी कॉलेज के प्राचार्य शैलेन्द्र कुमार, प्रो. अजय कुमार समेत दर्ज़नों छात्र -छात्राओं ने भाग लिया।
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