स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

…तो फार्मासिस्टों पर लाठीचार्ज की तैयारी थी।

स्वास्थ भवन का घेराव करते फार्मासिस्ट फाउंडेशन के सदस्य
स्वास्थ भवन का घेराव करते फार्मासिस्ट फाउंडेशन के सदस्य

लखनऊ / रायपुर / नई दिल्ली (सेंट्रल डेस्क)
28 सितम्बर का दिन फार्मासिस्टों के लिए एक ऐतिहासिक दिन रहा । आज तड़के ही उत्तर प्रदेश के विभन्न जिलों से आये फार्मासिस्टों ने ग्लोब पार्क से आक्रोश महारैली निकाली जो स्वास्थ्य भवन होते हुवे एफडीए पहुंची । इस आक्रोश रैली में फार्मासिस्टों ने जमकर अपने गुस्से का इज़हार किया । राज्य में फार्मासिस्टों के बदतर हालात और प्रसाशन की उदासीन रवैये को लेकर निकली आक्रोश महारैली सबसे पहले स्वस्थ भवन पहुंची जहाँ फार्मासिस्टों ने पूरी बिल्डिंग घेर ली । सीढ़ियों से लेकर गलियारे तक फार्मासिस्ट निचे फर्श पर ही बैठ कर प्रसाशन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे । फार्मासिस्ट ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट 1940, फार्मेसी एक्ट 1948 और फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 को सख्ती से लागू करने की मांग कर रहे थे ।
लखनऊ में महारैली का नेतृत्व कर रहे फार्मासिस्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव ने बताया की यूपी के सरकार ने राज्य भर में फार्मेसी का मज़ाक बनाया हुवा है । जहाँ एक तरफ आशा, वार्ड बॉय और एएनएम से गैरकानूनी रूप से दवा वितरण कराया जा रहा है । एएनएम सेंटर और डॉट्स सेंटर पर हज़ारों पद रिक्त होने के बाद भी फार्मासिस्ट को नियुक्ति नहीं दी जा रही है । दूसरी तरफ प्रदेश भर की दवा दुकानों का बुरा हाल है हर जगह गैर प्रशिक्षित लोग दवा बाँट रहे है । अमित ने औसधि नियंत्रण प्रसाशन को आड़े हाथो लेते हुवे कहा की खाद्य और औषधि नियंत्रण प्रसाशन पूरी तरह भ्रस्टाचार में डूबा हुवा है नतीज़तन प्रदेश भर में आधे से अधिक दवा दुकानों के लाइसेंस गैर क़ानूनी रूप से निर्गत किये गए है । प्रशासन ने रिकॉर्ड तक नहीं रखा है । सुचना मांगे जाने पर तरह तरह की बहानेबाज़ी करके विभाग द्वारा टाल मटोल किया जाता है । फार्मासिस्ट फाउंडेशन के सदस्यों ने सभी गैरकानूनी दवा दुकानो को तत्काल बंद कराये जाने की मांग की ।
फीमेल फाउंडेशन की टीम को निर्देशित करती सुष्मिता मिश्रा
फीमेल फाउंडेशन की टीम को निर्देशित करती सुष्मिता मिश्रा

लखनऊ की फार्मासिस्ट महारैली में फार्मासिस्ट फीमेल फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने भी बढ़ चढ़कर कर हिस्सा लिया । फीमेल फॉउन्डेशन का नेतृत्व कर रही सुष्मिता मिश्रा ने कहा यूपी में फार्मासिस्ट की कोई पहचान नहीं है। सरकार गैर फार्मासिस्ट से सरकारी अस्पतालों में दवा बांटने का काम लेती है वही हमे रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है ।निजी छेत्रों में भी रोजगार के नाम पर कुछ भी नहीं । महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में फार्मा हब विकसित है । यूपी की सरकारों की नाकामी है की हम फार्मासिस्टों का वज़ूद ही मिटा कर रख दिया गया है । यहाँ हम अपने हक़ और अधिकार की लड़ाई लड़ने आये है । किसी भी कीमत पर अपना हक़ लेकर रहेंगे ।  ये बात सुष्मिता मिश्रा ने मिडिया से बात करते हुवे कही ।
मीडिया से बातचीत करते फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव
मीडिया से बातचीत करते फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव

                                   नबाबों के शहर कहे जाने वाले लखनऊ में आज जिस तरह से एकता का प्रदर्शन फार्मासिस्टों द्वारा किया गया उसे देखकर केमिस्ट संगठनों और प्रसाशनिक अधिकारीयों के होश उड़ गए । हालाँकि इस रैली को कमजोर करने के लिए विरोधी गुटो ने पूरी कोशिश की । औषधि नियंत्रण प्रसाशन के मुख्यालय में बार बार फार्मासिस्टों को भड़काने की कोशिश की गई । विरोधियों ने फार्मासिस्टों को क़ानूनी रूप से फसाने की पूरी कोशिश की लेकिन असफल रहे। एफडीए दफ्तर के अधिकारियों ने पुलिस को बुला लिया था। सूत्रो की माने तो पुलिस लाठीचार्ज करने के इरादे से बुलाई गई थी। लेकिन फार्मासिस्ट फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने सूझबूझ से काम लिया। दूसरी तरफ ड्रग कंट्रोलर की टीम उग्र फार्मासिस्टों को मनाने में जुटी थी । फ़र्ज़ी और गैर क़ानूनी ड्रग लाइसेंस प्रकरण में अपनी लाचारी बताते हुवे ड्रग कंट्रोलर ए.के.मल्होत्रा कहते रहे की अब उनके हाथ में बहुत कुछ नहीं है। सिस्टम ऑनलाइन किया जा चूका है । अब आगे से नए ड्रग लाइसेंस में गड़बड़ी की समस्या नहीं आएगी । विभाग के अधिकारीयों को स्पस्ट निर्देश दिए गए है की किराये पर सर्टिफिकेट नहीं लें फार्मासिस्ट को नौकरी देने वाले को ही लाइसेंस दिया जाएगा। इनसब के बीच आज जिस अंदाज में फार्मासिस्टों ने अपना आक्रोश दिखाया उससे यह तो स्पस्ट हो गया कि अब केमिस्ट संगठन वाले भी चुप नहीं बैठने वाले है । आनेवाले 14अक्टूबर को देशव्यापी दवा दुकानो हड़ताल में ऐसे ही कुछ होने की आशंका व्यक्त की । इस बात का ज़िक्र एफडीए अधिकारी बार बार कर भी रहे थे।
फार्मासिस्ट फाउंडेशन को समर्थन देने दिल्ली से लखनऊ पहुंचे स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने कहा की आज की रैली व जनजागरूकता अभियान के बाद फार्मासिस्टों के आगे 14 अक्टूबर को प्रस्तावित दवा दुकानों की बंदी के प्रभाव को कम करना होना चाहिए । यही वह बिंदु है जहा पर फार्मासिस्ट अपनी उपयोगिता को सिद्ध कर सकते है ।
छत्तीसगढ़ में भी फार्मासिस्टों ने मचाया बबाल ।
एक तरफ लखनऊ का माहोल गरम था तो दूसरी तरफ रायपुर में भी फार्मासिस्ट सड़क पर उतरे छत्तीसगढ़ फार्मासिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले सुबह दस बजे रायपुर के बूढ़ा तालाब में फार्मासिस्ट इक्कठा हुवे धरना को सम्बोधित करते हुवे अध्यक्ष अश्विनी गुरदेकर ने सरकार को चेताते हुवे कहा की औषधी नियंत्रण प्रसाशन की कारगुजारियां दिन प्रतिदिन सामने आ रही है प्रदेश भर में गैर फार्मासिस्टों द्वारा दवाइयाँ बाँटने का बदस्तूर चल रहा है ।
रायपुर की सडकों पर उतरे फार्मासिस्ट
रायपुर की सडकों पर उतरे फार्मासिस्ट

रैली में शामिल होने दूर दराज़ के छेत्रों से फार्मासिस्टों ने हिस्सा लिया । फार्मासिस्टों ने बताया की औषधी नियंत्रण के अधिकारिओं को बार बार चेताने के बाद भी कोई कारवाही नहीं हो रही उल्टा संगठन के सदस्यों को जान से मारने की धमकी मिल रही है । सभा को सम्बोधित करते हुवे बिलासपुर के एक्टिविस्ट वैभव शास्त्री ने कहा की एफडीए पूरी तरह से भ्रस्टाचार में लिप्त है। ड्रग इंस्पेक्टर लेकर ड्रग कंट्रोलर तक अवैध उगाही में व्यस्त हैं । दवा माफियाओं ने पूरी तरह बाजार पर कब्ज़ा जमाया हुवा है । पिछले हफ्ते ही बिलासुर दुर्ग समेत कई जगहों में पोल खोल अभियान चलाया गया था जिसमे बड़े पैमाने पर अनियमितता की शिकायत मिली थी प्रसाशन को लिखित सुचना दी गई थी बावजूद इसके कोई करवाई अबतक नहीं हुई । उन्होंने चेतावनी दी अगर इसके वावजूद प्रसाशन नहीं सुधरता है तो आगे आंदोलन पहले से और तेज़ किया जाएगा ।
सड़क पर उतरे फार्मेसी के छात्र छात्राए
धरने के तुरंत बाद ही रायपुर में भी रैली निकाली गई । भीड़ को बढ़ती देखकर छत्तीसगढ़ पुलिस ने आशंकाओं के मध्य नज़र रैली को रोकने की कोशिश की जहाँ संगठन के सदस्यों के साथ पुलिस की झड़प हुई । छात्रों का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता ठाकुर सूरज प्रताप सिंह ने पुलिस को चेताया की अगर छात्रों पर लाठी बरसाने की कोशिश हुई तो वे भी जबाब देंगे  । इसपर छत्तीसगढ़ पुलिस ने धैर्य से काम लेते हुवे पूरी रैली को कवर करते हुवे जुलुस नियंत्रित किया ।
 
पुलिस ने छीना स्वास्थ मंत्री का पुतला 
आक्रोश रैली को रोकने की कोशिश में रायपुर पुलिस
आक्रोश रैली को रोकने की कोशिश में रायपुर पुलि

रैली के दौरान फार्मासिस्ट सरकार और औसधि नियंत्रण प्रसाशन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे इसबीच स्वास्थ मंत्री के की अर्थी लेकर चल रहे थे चौराहे पर पुतला फूंकने कर कार्यक्रम के क्रम में अचानक पुलिस कर्मी हरकत में आये और बल प्रयोग कर पुतला छिन लिया फिर आक्रोशित फार्मासिस्टों की पुलिस से झड़प हो गई । रायपुर पुलिस ने उन्हें रोक दिया । इसे लेकर पुलिस और फार्मासिस्टों बीच तीखी नोक झोंक भी हुई फिर  फार्मासिस्ट वही सड़क पर बैठ गए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी करने लगे । फार्मासिस्टों के घंटो रास्ता रोके रखा जाम की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को काफी मस्सकत करनी पड़ी । पुलिस और फार्मासिस्टों के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा कई घंटो तक चला ।
 
 
फार्मासिस्टों की मांगे   

  1. जहाँ दवा वहां फार्मासिस्ट की व्यवस्था हो ।
  2. प्रत्येक दवा की दुकान में फार्मासिस्ट की उपस्थिति अनिवार्य हो ।
  3. किराये के सर्टिफिकेट पर चलने वाली दवा दुकानों का लाइसेंस रद्द किया जाय ।
  4. सरकारी अस्पतालों में रिक्त पदों में अभिलम्ब नियुक्ति हो ।
  5. ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, फार्मेसी एक्ट और फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन लागू किये जायें।
  6. धमकी देनेवाले ड्रग इंस्पेक्टर प्रीतम ओंग्रे और राजू खत्री को अबिलम्ब बर्खास्त किया जाए ।

सोशल मीडिया पर छाया रहा फार्मेसी आंदोलन 
एक तरफ लखनऊ और रायपुर में प्रदर्शन चल रहे थे वही सोशल मीडिया में फार्मेसी आंदोलन को देश भर के फार्मासिस्ट और फार्मासिस्ट संगठनो का समर्थन मिल रहा था । सिंघभूम फार्मसिस्ट एसोसिएशन झारखण्ड के अध्यक्ष धर्मेंदर सिंह ने यूपी और छत्तीसगढ़ दोनों ही को नैतिक समर्थन देते हुवे कहा की फार्मासिस्ट के हक़ को दबानेवालों को बक्शा नहीं जाएगा । वही फार्मासिस्ट जाग्रति संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा ने भी नैतिक समर्थन किया है ।  कश्मीर से कन्याकुमारी तक के फार्मासिस्ट रायपुर और लखनऊ की घटनाक्रम पर पल पल की खबर ले रहे थे । सोशल मीडिया पर भी खूब फोटो शेयर किये गए ।
 
विनय कुमार भारती ने दी बधाई 
दिल्ली से एक्टिविस्टविनय कुमार भारती ने छत्तीसगढ़ और यूपी दोनों ही फार्मासिस्ट  संगठनों के शीर्ष नेताओं को फ़ोन कर बधाई दी । अपने सन्देश में उन्होंने कहा की यूपी और छत्तीसगढ़ में फार्मसिस्टों द्वारा किया गया प्रदर्शन महज़ आगाज़ है । वावजूद इसके अगर प्रसाशन और सरकार की नींद नहीं खुली और गैर क़ानूनी दवा दुकानों को बंद नही किया गया तो देश भर में जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा । विनय भारती ने देश के अन्य हिस्सों में भी फार्मासिस्ट को अपने हक़ के लिए लड़ने का आह्वान किया । फेसबुक से अपने भेजे सन्देश में उन्होंने आंदोलन में शामिल होने वाले सभी फार्मासिस्ट कार्यकर्ताओं विशेषकर शामिल हुवे छात्र छात्राओं को इस सफल आयोजन हेतु आभार व्यक्त किया है ।

Related posts

लापरवाही से मौत मामले में डॉक्टरों को मिलेगी राहत

admin

फोटोग्राफी प्रतियोगिता ‘मेला मोमेंट्स’ के आयोजन की तैयारी

admin

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से गढ़ें पत्रकारिता का स्वर्णिम काल : हरिवंश

admin

2 comments

amit srivastava September 29, 2015 at 7:48 pm

आगाज नहीं अब रण होगा
यह संघर्ष बड़ा भीषण होगा
जाग रहा है देश का फार्मासिस्ट
बस जरुरत है सही दिशा और सोच की
जिसकी जिम्मेदारी स्वयं फार्मासिस्टों को ही उठानी
होगी
पूरे देश से हुंकार भरने को फार्मासिस्ट तैयार है
जय फार्मेसी जय फार्मासिस्ट

Reply
k k saini September 29, 2015 at 10:03 pm

Sir, U must be knowing abt changed eligibility criteria for pharmacist post in central govt which is now four year b.pharm or d.pharm with 2 yrs experience in hosp dispensing. Sir the biggest obstacle to increase salary of pharmacist equal to nurse (GP 4600) in pb 2 was the duration of study (2 yr diploma in pharmacy) for the post of pharmacist. Now with changed eligibility criteria this obstacle is no more. Now don’t u think that this is right time to demand GP 5400 ( in pb 2 I.e. -9300-34800) and after 2 yr of service it should be GP 5400 in pb 3 (I.e. 15600-39100) as per sixth central pay commission system. Can we send our representation to 7 th cpc to decide pharmacists cadre salary in coming pay commission commensurate to this structure due to changed eligibility criteria of pharmacist post.Because till date all unions nd organisation demanding GP 4200 based on 2 yrs diploma course. As nursing employees have duration of study for 3 yrs and GP 4600. Now we have 4 yrs duration then it may be justified to demand GP 5400 in pb 2. So that at least we get GP 4800 in pb 2. Sir, pls think and do the needful by sending representation in this regard to 7th CPC Thanks.

Reply

Leave a Comment