- स्वास्थ्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ, भूख हड़ताल पर फार्मासिस्टों की टोली
- भूख हड़ताल में जाने माने फार्मा एक्टिविस्ट विनय कुमार भारती हुए शामिल
- सर्वेश्वर शर्मा की अगुवाई में 3 मार्च को जयपुर में सड़कों पर उतरेंगे फार्मासिस्ट
- पूरा देश फार्मा क्रांति के दौर से गुजर रहा हैः आशुतोष कुमार सिंह
नई दिल्ली/ देश के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए जाने के लिए फार्मासिस्टों की एक बहुत बड़ी आबादी पूरे देश में क्रांति पर उतर आई है। देश के प्रत्येक कोने में फार्मासिस्टों ने दवा के नाम पर हो रहे धांधलियों को रोकने का बिगूल फूंक दिया है। आज सबसे बड़ी खबर लखनऊ से आ रही है। फार्मासिस्ट फाउंडेशन के बैनर तले यूपी के फार्मासिस्ट अनिश्चितकालिन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। अमीत श्रीवास्तव की अगुवाई में राज्य भर से आए हुए फार्मासिस्टों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष फार्मासिस्टों ने एफडीए दफ्तर को घेर लिया था और फार्मासिस्ट लाइसेंस को आनलाइन करने की मांग की थी। फार्मासिस्टों की बहुत दिनों से यह मांग रही है कि जहाँ दवा वहाँ फार्मासिस्ट। लेकिन इस ओर सरकारों के नकारा रवैया के कारण बहुत कम ही ध्यान जा सका है। अमीत श्रीवास्तव को समर्थन देने देश के जाने-माने फार्मा एक्टिविस्ट विनय कुमार भारती भी लखनऊ पहुंच चुके हैं।
जयपुर में भी आंदोलन
वहीं दूसरी तरफ जयपुर में 3 तारीख को फार्मासिस्ट जागृति संस्थान, राजस्थान के बैनर तले सर्वेश्वर शर्मा की अगुवाई में राजस्थान के फार्मासिस्ट अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरने जा रहे हैं। फार्मासिस्टों के साथ हो रहे नाइंसाफी के खिलाफ पूरे देश के फार्मासिस्ट एकजूट हो चुके हैं। जयपुर में सर्वेश्वर शर्मा की टीम को सपोर्ट करने के लिए सिंहभूम फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सदस्य धरमेन्द्र सिंह की अगुवाई में जयपुर पहुंच रहे हैं।
सच्चाई तो यह है कि दवाइयां किराना के समान की तरह कहीं भी बेची-खरीदी जा रही है। ड्रग कॉस्मेटिक्स एक्ट की परवाह न तो दवा दुकानदार को है और न ही सरकार को।
स्वस्थ भारत अभियान का समर्थन
देश को स्वस्थ देखने के उद्देश्य से चलाए जा रहे स्वस्थ भारत अभियान के संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने अमीत श्रीवास्तव की टीम को शुभकामनाएं प्रेषित किया है। आशुतोष कुमार सिंह ने कहा है कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में फार्मासिस्टों की उपस्थिति शरीर में रीढ़ के हड्डी के समान है। अतः उन्हें उनका पूर्ण अधिकार दिया जाना चाहिए ताकि आम लोगों को सही हाथों से सही दवाई मिल सके। उन्होंने कहा सच तो यह है कि इस समय पूरा देश फार्मा क्रांति के दौर से गुजर रहा है।