लखनऊ/
यूपी में गैर क़ानूनी तरीके से चल रहे हज़ारों दवा दुकानों पर गाज़ गिरना तय माना जा रहा है । फार्मासिस्ट फाउंडेशन के सदस्य पंकज मिश्रा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की । सूत्रों के हवाले से खबर मिली की हाई कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली है । फार्मासिस्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित श्रीवस्तस्व ने स्वस्थ भारत डॉट इन को बताया की कई बार औषधि नियंत्रण प्रसाशन समेत सरकार से गुहार लगाई गयी पर आज तक कोई भी करवाई नहीं की गई । जिससे फार्मासिस्टों का आक्रोश उमड़ पड़ा । गैर क़ानूनी तरीके से एक एक फार्मासिस्ट के नाम पर कई कई दवा दुकानों के लाइसेंस आवंटित किये गए है । वही दूसरी तरफ गैर प्रशिक्षित लोगों से सरकारी अस्पतालों में दवा वितरण कार्य कराया जाता है । अमित श्रीवस्तस्व ने आगे बताया की ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट 1940 नियम 1945 फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा 42 के तहत केवल रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट ही दवा वितरण कर सकता है ।
हाल में ही औषधि नियंत्रण प्रसाशन ने ड्रग लाइसेंस की प्रक्रिया के साथ ही नवीनीकरण को भी ऑनलाइन कर दिया है वही दूसरी तरफ फार्मासिस्ट फाउंडेशन हज़ारों कार्यकर्ताओं ने अपना आन्दोलन तेज़ करते हुवे औषधि प्रसाशन की नींद उड़ा दी है । विगत सोमबार को फार्मासिस्ट फाउंडेशन के हज़ारों सदस्य सडकों पर उतर आए थे और सरकार से अवैध तरीके से चल रही खुदरा दवा दुकानों को बंद किये जाने की मांग की थी । दूसरी तरफ यूपी के केमिस्टों में निराशा का माहोल है दवा कारोबारियों के सामने दोहरी मार पड़ रही है नाम ना छापने की शर्त पर एक दवा कारोबारी ने बताया की अबतक ड्रग इंस्पेक्टर पैसे लेकर दवा दुकान चलने देते थे अब वे भी मुकरने लगे है ।
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