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राष्ट्रपति ने किया पल्स पोलियो कार्यक्रम का शुभारंभ

स्वास्थ्य मंत्री ने भारत को पोलियो मुक्त बनाने के लिए स्वयंसेवकों और भागीदारों की निरंतर और कड़ी मेहनत की सराहना की

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में बच्चों को पोलियो की दवा देकर 2015 के लिए पल्स पोलियो कार्यक्रम की शुरूआत की। 18 जनवरी को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाता  है। देश को पोलियो मुक्त बनाने के भारत सरकार की मुहिम के तहत देश भर में पांच साल से छोटे 174 मिलियन बच्चों को पोलियो की दवा दी जाएगी।

पल्स पोलियो अभियान-2015 के शुभारंभ पर बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा
पल्स पोलियो अभियान-2015 के शुभारंभ पर बोलते हुए भारत के स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री  जे पी नड्डा ने राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की पूर्वसंध्या के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भारत को पोलियो मुक्त बनाने के लिए करीब 23 लाख स्वयंसेवकों और 1.5 लाख पर्यावेक्षकों के साथ दाता सहयोगियों की सराहना की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 13 जनवरी 2011 के बाद से पोलियो का कोई मामला सामने नहीं आया है। भारत पिछले वर्ष एशिया के दक्षिण-पूर्व भाग के उन 11 देशों (बांग्लादेश, भूटान, कोरिया, इंडोनेशिया, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाइलैंड और तिमोर-लेस्ते) की में शामिल हो चुका है जिन्हें डब्लूएचओ द्वारा पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है।
मंत्री ने इस बात पर बल देते हुए पोलियो के सफाए की नीति को लागू करने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर विचार कर रहा है कहा कि 6 महीने में वैश्विक रुप से सामान्य टीकाकरण कार्यक्रम में निष्क्रिय पोलियो टीका और ट्राइवालेंट ओपीवी के स्थान पर बाईवेलेंट ओपीवी का इस्तेमाल किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश को पोलियो मुक्त बनाए रखने के लिए प्रयास जारी रहेगा। राष्ट्रीय और उप राष्ट्रीय पोलियो कार्यक्रमों के माध्यम से पड़ोसी देश सहित दूसरे दशों से आने वाले संक्रमण के प्रति सचेत रहने के साथ पोलियो निगरानी की गुणवत्ता को बनाए रखना है।
डब्लूएचओ द्वारा जारी दिशानिर्देशों के तहत भारत और पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, कैमरून, सीरिया, इथोपिया, सोमालिया और की कीनिया समेत आठ पोलियो संक्रमित देशों के बीच यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के टीकाकरण के लिए यात्रा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त बाहरी देश से आने वाले संक्रमण से निपटने के लिए आपातकालीन तैयारियों और प्रतिक्रिया योजना (ईपीआरपी) शुरू की गई है जिसके तहत सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में त्वरित प्रतिक्रिया दल (आरआरटी) बनाए गए हैं।

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