अब समय आ गया है कि इन स्वास्थ्य-द्रोहियों की शिनाख्त की जाए और उन्हें ऐसी सजा दी जाए ताकि ये देश के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की जुर्रत न कर पाएं…
भारत विकास की नई-नई इबारत लिख रहा है। भूगोल की सीमाओं को लांघकर भारत की जयकार पूरी दुनिया में हो रही है। हम विकास कर रहे हैं। इस तरह के तमाम जुमले अखबारों में पढ़ने को मिल जाते हैं। लेकिन भारत की सच्चाई इससे इतर है। यहां पर आज भी निजी अस्पतालों में गरीबों को अपने परिजन के लाश के लिए कई दिनों तक भटकने के बाद भी नहीं मिलता है! उसे मजबूरन अपने परिजन की लाश की जगह पुआल के पुतला का अंतिम संस्कार करना पड़ता है। यहां पर आज भी एसिड अटैक पीड़िता पूजा गुप्ता को वर्षों तक अपने ईलाज के लिए भटकना पड़ता है! देश की राजधानी में ऐसे डॉक्टर धड़ल्ले से अपनी दुकान चला रहे हैं, जिनका दावा है कि उनकी दवा खाने से लड़का ही पैदा होगा!
21 वी सदी के भारत में स्वास्थ्य की जो स्थिति दिख रही है, वह कहीं से भी उत्साहवर्धक नहीं है। जबतक भारत से स्वास्थ्य के सेक्टर में घुस आए देशद्रोहियों को खदेड़ा नहीं जायेगा तब तक भारत का स्वास्थ्य सुधरने वाला नहीं है। देश के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को जब तक कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिलेगी वो सुधरने वाले नहीं है। कंपनियों से घुस लेकर दवा लिखने वाले डॉक्टर हों, नकली दवा बेचने वाले दवा दुकानदार , हमारी भोजन की गुणवत्ता को गिरवी रखने वाले फूड इंस्पेक्टर हो अथवा कोई मंत्री-संत्री, अब समय आ गया है कि इन स्वास्थ्य-द्रोहियों की शिनाख्त की जाए और उन्हें ऐसी सजा दी जाए ताकि ये देश स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की जुर्रत न कर पाएं।