अजय वर्मा
नयी दिल्ली। भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन covaxin की करीब पांच करोड़ खुराक अगले साल खराब हो जाएंगी। इसकी वजह है वैक्सीन की बिक्री में कमी।
संक्रमण में कमी बड़ा कारण
सूत्रों के मुताबिक टीके की मांग कम होने के कारण कंपनी ने इस साल की शुरुआत में दो खुराक वाले covaxin का उत्पादन रोक दिया था। इससे पहले 2021 के अंत तक एक अरब खुराकों का इसने उत्पादन कर दिया था। संक्रमण की दर कम होने के कारण कोवैक्सीन के निर्यात पर भी बेहद खराब असर पड़ा है। वैश्विक स्तर पर अब कोरोना को खतरा नहीं माना जा रहा है।
अगले साल है एक्सपायरी
भारत बायोटेक के पास थोक में कोवैक्सीन की 20 करोड़ से अधिक खुराक हैं और शीशियों में तकरीबन पांच करोड़ खुराक इस्तेमाल के लिए तैयार हैं। कंपनी सूत्रों के मुताबिक शीशियों में कोवैक्सीन की खुराकों को इस्तेमाल करने की समय सीमा 2023 की शुरुआत में खत्म होनी है जिससे कंपनी को घाटा होगा। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि अगले साल पांच करोड़ खुराकों के बेकार होने से कंपनी को कितना नुकसान होगा।
ब्राजील ने रोका था आयात
मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस साल अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के जरिए covaxin की आपूर्ति निलंबित करने की पुष्टि की थी और इस टीके का इस्तेमाल कर रहे देशों को उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। 2021 में ब्राजील सरकार ने एक विवाद के बाद कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराक के आयात के अपने फैसले को निलंबित कर दिया था।