स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

कैंसर के ईलाज में मददगार बन सकता है जर्मनी: चौबे

  • हैडलबर्ग हॉस्पिटल यूनिवर्सिटी कर रहा है बेहतर कार्य। ब्राजील से लौटने के उपरांत किया था हॉस्पिटल का दौरा।

  • ब्रिक्स देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में सदस्य देश, सस्ती किफायती एवं गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मिलकर करेगा कार्य।

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2019/एसबीएम व्यूरो
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ब्रिक्स देशों के नौवें स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेकर मंगलवार को स्वदेश लौटे। निर्माण भवन स्थित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सभागार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिक्स सदस्य देश मिलकर सस्ती, किफायती एवं गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मिलकर काम करेगा। 5 मुद्दों पर सम्मेलन में सदस्य देशों द्वारा चर्चा किया गया। भारत में सस्ती एवं गुणवत्ता वाली दवाओं की जमकर सदस्य देशों ने चर्चा की। कैशलेस इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना एवं मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण के उद्देश्यों को जिस तरह भारत लक्ष्य की ओर अग्रसर है। इसे लेकर सदस्य देश चीन दक्षिण अफ्रीका ब्राजील और रूस ने जमकर तारीफ की। भारत ब्राजील को 12 फ़ीसदी दवाइयां एक्सपोर्ट करता है। भारत में बनी दवाइयां के प्रति पूरी दुनिया में विश्वसनीयता बढ़ रही है।

ब्राजील के मानव दूध बैंक की की सराहना

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि सम्मेलन में मानव दूध बैंक की उपयोगिता पर भी सदस्य देशों ने चर्चा की ब्राजील में बड़े पैमाने पर मानव दूध बैंक स्थापित किए गए हैं। भारत में भी से लेकर पहल की गई है, फोकस स्तनपान पर है और इसे 2025 तक 70 फ़ीसदी से अधिक करना है। नवजात मृत्यु(जिनकी मृत्यु एक महीने के अंदर) दर प्रति 1000 पर 23 से घटाकर 12 पर लाना है। इसे लेकर सम्मेलन में भारत ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। भारत में स्तनपान को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है। जो पिए मां का दूध वह होए सबसे मजबूत.. सम्मेलन में नारा भी दिया।इससे सभी को अवगत भी कराया।
हेल्थ फॉर ऑल के लिए मिलकर करेंगे काम
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि ब्रिक्स के सभी सदस्य देश मिलकर यूनिवर्सल हेल्थ के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हेल्थ फॉर ऑल के उद्देश्य से सदस्य देश लगातार काम कर रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का मिशन है कि जहां पूरी दुनिया 2030 में टीबी मुक्त होने का संकल्प लिया है। वहीं भारत 2025 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रहा है। ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों ने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक साथ काम करने का संकल्प लिया। ताकि पूरी दुनिया से लक्ष्य से पहले टीबी को खत्म किया जा सके।

ब्रिक्स देश आपस में करेंगे समझौता

सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि ब्रिक्स देश सस्ती, गुणवत्ता वाली दवाइयों के लिए एक दूसरे सदस्य देशों के साथ ड्रग रेगुलेटर के बीच समझौता करेंगे। भारत और ब्राज़ील के बीच इस तरह का समझौता 2016 में हुआ था। जिसका सकारात्मक परिणाम दोनों देशों में देखने को मिल रहा है। अगला ब्रिक्स स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन रूस में होगा।

कैंसर के इलाज के लिए मददगार बनेगा जर्मनी

भारत में कैंसर के ईलाज के लिए जर्मनी मददगार बनेगा। वो इसके बारे में भारत को नॉलेज शेयर करेगा। इस क्षेत्र में जर्मनी ने काफी रिसर्च किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने बताया कि ब्राजील से लौटने के क्रम में जर्मनी में रुकना हुआ था। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे ने हैडलबर्ग यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल का दौरा किया। जहां वे आयन बीम थेरेपी द्वारा हो रहे कैंसर के इलाज से अवगत हुए। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल के डायरेक्टर से कैंसर के इलाज को लेकर काफी बातचीत हुई। वहां से नॉलेज शेयरिंग करने के लिए लगातार संवाद कायम रखने पर विचार विमर्श हुआ। भविष्य में टेलीमेडिसिन एवं वहां के डॉक्टरों का दौरा आदि करने पर भी विचार हुआ। वहां के नॉलेज शेयर से भारत को इसका लाभ मिलेगा। भारत में आईआईटी मद्रास कैंसर के प्रभावी इलाज के लिए लगातार काम कर रहा है। हाल ही में मैंने दौरा किया था। जहां वहां के कार्य से अवगत हुआ था। पत्रकार वार्ता में संयुक्त सचिव मनदीप भंडारी भी उपस्थित थे।

Related posts

गंदे हाथों से नसबंदी, 4 महिलाओं की मौत

Ashutosh Kumar Singh

कोविड-19 से बड़ा है इसका भय

रवि शंकर

कोरोना की मारः अधर में है लाखों शिक्षार्थियों का भविष्य

Ashutosh Kumar Singh

Leave a Comment