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जर्मन फिल्म ’Distance’ महामारी के दौरान बनी वक्त का दस्तावेज

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। जर्मन फिल्म ‘डिस्टेंज’ महामारी के दौरान बनाई गई एक वक्त का दस्तावेज है। विनाशकारी महामारी के चलते पैदा हुए भय और अनिश्चितता से निर्देशक लार्स नॉरन को यह फिल्म बनाने की प्रेरणा मिली। गोवा में आयोजित 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में इसे ‘सिनेमा ऑफ द वर्ल्ड’ श्रेणी के तहत दिखाया गया।

यथार्थ के करीब फिल्म

समारोह के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्देशक लार्स नॉरन ने कहा-मैंने अपने आसपास पैदा हुए डर और बदलाव के बीच मानवीय जरूरतों का पता लगाने की कोशिश की। स्वाभाविक भावनाओं को बाहर लाने के लिए, मैं चाहता था कि फिल्म जितना हो सके यथार्थ के करीब और प्रामाणिक दिखे। अभिनेताओं को ऐसे समय में मास्क पहनकर शूटिंग करनी पड़ी, जब मेरे साथी मास्क लगाकर लोगों की शूटिंग करने से हिचक रहे थे। कलाकारों और क्रू को महामारी के चलते लगे प्रतिबंधों और सभी सामाजिक प्रोटोकॉल का पालन करना होता था।

लॉकडाउन के बीच हुआ शूट

फिल्म लास्जलो के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो महामारी के दौरान खुद को अलग कर लेता है। इस फिल्म को वैश्विक महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के बीच सिंगल अपार्टमेंट में शूट किया गया था। हालांकि निर्देशक ने स्पष्ट कहा कि यह फिल्म महामारी पर नहीं है। अकेले महामारी ही समस्या नहीं थी, बल्कि इसने हमारे भीतर की सभी समस्याओं को सामने लाने के लिए उत्प्रेरक का काम किया। वैसे, लास्जलो खुद को बचाते हुए दिखाई देता है लेकिन ‘जो’ एक समस्या या वायरस की तरह अपार्टमेंट में प्रवेश करता है और एक विनाशकारी पावर बन जाता है।

 

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