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देसी फर्मों के सहारे पैठ बढ़ा रहीं बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियां

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कई बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों ने भारत के औषधि बाजार में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने पर ध्यान केंद्रित किया है। डॉ. रेड्डीज, सिप्ला एवं एमक्योर के साथ सनोफी की साझेदारी और अस्थमा की दवा के वितरण के लिए एस्ट्राजेनेका एवं मैनकाइंड फार्मा के बीच साझेदारी जैसे तमाम उदाहरण से इस रुझान का पता चलता है।

दोनों तरफ की कंपनियों को फायदा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों को स्थापित भारतीय नेटवर्क का फायदा उठाकर अपनी पैठ बढ़ाने में मदद मिलती है। दूसरी ओर भारतीय कंपनियों को इससे वैश्विक ब्रांड एवं विशेषज्ञता का फायदा मिलता है। सनोफी ने भारतीय बाजार में अपने वैक्सीन ब्रांडों को वितरित करने के लिए डॉ. रेड्डीज के साथ साझेदारी की है। इसके जरिये डॉ. रेड्डीज की पहुंच सनोफी के वैक्सीन उत्पादों तक हुई है, जिसमें हेक्सैक्सिम और पेंटाक्सिम जैसे ब्रांड शामिल हैं।

दवा वितरण के क्षेत्र में भी साझेदारी

इसी तरह सनोफी ने भारत में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) संबंधी दवाओं की बिक्री के लिए सिप्ला के साथ करार किया है। उसने कार्डियोवैस्कुलर दवाओं कार्डेस, क्लेक्सेन, टारगोसिड, लासिक्स और लासिलेक्टोन के लिए एमक्योर फार्मा से साझेदारी की है। एस्ट्राजेनेका ने भी भारत में अपनी अस्थमा की दवा के वितरण के लिए मैनकाइंड फार्मा के साथ साझेदारी की है। ग्लेनमार्क स्पेशिएलिटी ने इस साल के आरंभ में भारत, एशिया प्रशांत, पश्चिम एशिया एवं अफ्रीका, रूस, सीआईएस और लैटिन अमेरिका में रोगियों के लिए कैंसर की दवा एनवाफोलिमैब के वितरण के लिए जियांग्सू अल्फामैब बायोफार्मास्युटिकल्स और 3डी मेडिसिंस (बीजिंग) के साथ साझेदारी की घोषणा की थी।

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