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सौ से अधिक कंपनियों के कफ सीरप गुणवत्ता परीक्षण में फेल

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार सौ से अधिक फार्मा कंपनियों के कफ सीरप के नमूने गुणवत्ता परीक्षण में खरे नहीं निकले। स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी इस रिपोर्ट में पाया गया कि परीक्षण किए गए 7,087 बैचों में से 353 को खराब गुणवत्ता का माना गया। डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की उपस्थिति के कारण नौ बैच विशेष रूप से समस्या उत्पन्न करने वाले निकले।

भोपाल एम्स में कृत्रिम दांतों का इंप्लांट सस्ते में होगा

भोपाल एम्स की एक तकनीक को भारत सरकार का कॉपीराइट मिला है। अब भोपाल एम्स में सस्ते दाम पर कृत्रिम दांतों का इंप्लांट हो सकेगा। इतना ही नहीं, यहां 3 डी प्रिंटिंग और सीबी सीटी स्कैन का उपयोग कर जो कृत्रिम बत्तीसी बनाकर लगाई जाएगी, इसके निकलने के चांस न के बराबर होंगे। मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए दंत चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. अंशुल राय ने बताया कि दुनियाभर में डेंटल इंप्लांट सबसे महंगा है। इसमें 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का खर्च लग सकता है। नयी तकनीक से लोग सस्ते में यह सुविधा उठा सकेंगे।

ब्रांडेड मसालों में मिले कीटनाशक

उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने कानपुर स्थित मसालों की 13 कंपनियों पर छापा मारा था। इनके अलग-अलग मसालों के 35 उत्पाद के नमूने जाँच के लिए भेजे थे। इनमें से 23 की रिपोर्ट सामने आई है। इन मसालों में पेस्टीसाइड और कीटनाशक की मात्रा काफी अधिक मिली है। इसमें कीड़े भी मिले हैं। इसके बाद इन प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है। ऐसे मसाले किडनी और लीवर को डैमेज कर देंगे।

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