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Micro RNA की खोज करने वाले वैज्ञानिकों को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। माइक्रो RNA की खोज अमेरिका के विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस खोज की वजह से कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास में मदद मिली थी। 2023 में कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह सम्मान दिया गया था।

जीन कंट्रोल का नया तरीका खोजा

रिपोर्ट के अनुसार विक्टर एम्ब्रोस ने सी. एलिगेंस में विकासात्मक समय के जेनेटिक कंट्रोल को लेकर शोध किया है। यह खोज जीवों के विकास और कार्य करने के तरीके को समझने के लिए मौलिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो रही है। भले ही हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं में एक जैसे जीन होते हैं, लेकिन मांसपेशियों और तंत्रिका कोशिकाओं जैसी विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं अलग-अलग कार्य करती हैं। यह जीन विनियमन के कारण संभव है, जो कोशिकाओं को केवल उन जीनों को चालू करने की अनुमति देता है जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है। माइक्रो आरएनए को लेकर एम्ब्रोस और रुवकुन की खोज ने इस विनियमन के होने का एक नया तरीका बताया है।

2021 और 2022 में इन्हें मिला था सम्मान

मालूम हो कि 2022 में स्वीडन के स्वांते पैबो को मेडिसिन के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें विलुप्त होमिनिन और मानव विकास की आनुवांशिकी (जीनोम) से जुड़ी खोजों के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। 2021 में चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से डेविड जूलियस और आर्डेन पैटामूटियम को सम्मानित किया गया था। इनको शरीर के तापमान, दबाव और दर्द देने वाले रिसेप्टरों की खोज करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया था।

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