नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अस्पतालों में इलाज कराना पहले की तुलना में अब अधिक महंगा होगा। वजह यह है कि कई अस्पतालों ने सर्ज प्राइस या पीक चार्ज लेना शुरू कर दिया है। मतलब यह शुल्क तब लागू होगा जब अस्पताल में पहले से ज्यादा मरीज भर्ती हों या ऑपरेशन थिएटर व्यस्त हो। बिल्कुल प्लेन की तरह जहां यात्रियों की संख्या बढ़ने पर टिकट के दाम भी बढ़ जाते हैं।
इलाज के खर्च में 20 फीसद वृद्धि
मीडिया रिपोर्ट कहती है कि अस्पताल अब ऑपरेशन थिएटर में अधिक व्यस्तता के चलते अतिरिक्त ‘सर्ज चार्ज’ ले रहे हैं। जैसे-जैसे ऑपरेशन थिएटर भरते जाते हैं, मरीजों से लिया जाने वाला चार्ज भी बढ़ता जाता है। इससे न केवल मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है, बल्कि स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के लिए भी यह नई चुनौती पैदा कर रहा है। इससे इलाज का खर्च लगभग 20 फीसद बढ़ गया है।
पैकेज में बदलाव की खबर
सूत्र बताते हैं कि पैसा बनाने के लिए अस्पतालों ने अपने इलाज के तरीके में भी बदलाव करना शुरू कर दिया है। जैसे एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया को पहले एक व्यापक पैकेज के तहत पेश किया जाता था, जिसमें एंजियोग्राम और स्टेंटिंग दोनों साथ था। अब कई अस्पतालों ने इसके लिए अलग-अलग चार्ज लिया जा रहा है। इससे मरीजों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है और बीमा कंपनियों के लिए इलाज की लागत का अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है।