नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने निमहंस (NIMHANS) बेंगलुरु में ‘चेतना अन्वेषण-गैर-स्थानीयता से अद्वैत तक मानव-मशीन बहस’ विषय पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। मंत्रालय के सहयोग से इस सम्मेलन का आयोजन इंडिया फाउंडेशन और निमहंस ने किया।
परंपरा से समद्ध भारत
इस अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा-भारत आध्यात्मिक अनुसंधान की परंपरा से समृद्ध है जो प्रकृति और जीवन के अध्ययन से निकटता से जुड़ा हुआ है। आगे चलकर यह आयुर्वेद और योग के विज्ञान के रूप में विकसित हुआ। चेतना अध्ययन के क्षेत्र में अनुसंधान और व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर मन-मस्तिष्क और शरीर के अच्छे स्वास्थ्य की खोज के संबंध में भारत एक आदर्श जगह है। यह सम्मेलन प्रमुख भारतीय आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक विषयों और सिद्धांतों के विद्वानों और आध्यात्मिक शिक्षकों के साथ ही भौतिकी, जीव विज्ञान, तंत्रिका विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबरनेटिक्स, क्वांटम कम्प्यूटिंग और संबद्ध क्षेत्रों के प्रख्यात शोधकर्ताओं और अन्वेषकों को एक साथ आने का मंच प्रदान करेगा।
आयुष पेशेवरों की योग्यता बढ़ेगी
इससे पहले दिन में मंत्री ने आयुरस्वास्थ्य योजना के हिस्से के रूप में एकीकृत चिकित्सा विभाग, निमहंस, बेंगलुरु में उत्कृष्टता केंद्र परियोजना का भी उद्घाटन किया। उत्कृष्टता केंद्र (COE) शिक्षा प्रौद्योगिकी, अनुसंधान एवं नवाचार और अन्य में आयुष पेशेवरों की योग्यता बढ़ाएगा। निमहंस में COE परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रभाव समझने के लिए चार न्यूरो-मानसिक रोग संबंधी विकारों में नैदानिक परीक्षण करने, सुरक्षा के साथ ही एकीकृत योग और आयुर्वेद उपचार दृष्टिकोण की प्रस्तावित क्रियाविधि है। यह न्यूरोसाइकिएट्रिक डिसऑर्डर (डोशिक-ब्रेन) के इंटीग्रेटिव न्यूरोबायोलॉजी को भी समझेगा, एकीकृत डिजिटल डेटाबेस तैयार करने के साथ ही चिकित्सक-वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित एवं तैयार किया जा सकेगा।