नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में सिकल सेल एनीमिया की समस्या है। अनुमान है कि सात करोड़ से अधिक आदिवासी इससे पीड़ित हैं। अब इसकी रोकथाम की दिशा में एक भारतीय कंपनी ने दवा का निर्माण कर लिया है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर दी है।
भारत को मिली बड़ी कामयाबी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सिकल सेल की रोकथाम के लिए दवा विकसित करने के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। पीएम मोदी ने 2023 में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत की थी। यह दवा विशेष रूप से हमारे आदिवासी बहनों, भाइयों और बच्चों के लिए वरदान साबित होगी और हम जल्द ही इस रोग छुटकारा पा सकेंगे।
कीमत रहेगी काफी कम
इससे पहले दवा निर्माता AKUMS ने घोषणा की थी कि उसने देश का पहला स्वदेशी हाइड्रोक्सीयूरिया ओरल सॉल्यूशन लॉन्च किया है, जिसका उपयोग बच्चों में सिकल सेल रोग के इलाज के लिए किया जा सकता है। कंपनी ने कहा कि यह दवा सरकार को 600 रु. प्रति वायल की कीमत पर उपलब्ध कराई जाएगी जो वैश्विक स्तर पर उपलब्ध दवा की कीमत 77,000 (प्रति वायल) का लगभग एक फीसद है। कंपनी का कहना है कि ये दवा कमरे के तापमान पर स्थिर रह सकती है, जबकि दुनियाभर में प्रयोग का जाने वाली अन्य दवाओं के भंडारण के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत है।
एक साल पहले ही उन्मूलन का शुरूआत
मालूम हो कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023 के बजट भाषण में 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके बाद जुलाई 2023 में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में आयोजित एक कार्यक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 की शुरुआत की थी।