नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। हेल्थ सेक्टर में बिहार के एक युवा ने पैथोलोजी पर भारी भरकम खर्च से बचाने के लिए ऐसे बायोमेडिकल सेंसर का आविष्कार किया है जो मरीजों के लिए वरदान साबित होगा।
गांव तक उपलब्ध हो सकेगा
पटना के रहवासी डॉक्टर सुदीप शेखर अब कनाडा में रहते हैं। उनको इस आविष्कार के लिए वैष्विक शिमेट साइंस पॉलीमैथ्स अवार्ड से इसी साल सम्मानित किया गया है। वे इस बायोसेंसर को इतना छोटा और डिस्पोजेबल बनाना चाहते हैं कि इसके उपयोग में आसानी, विष्वसनीय और सस्ती हो। यह सस्ता होने के चलते सामान्य दवा की दुकानों पर भी मिल सकेगा और गांव में रहने वालों को शहर जाने में खर्च नहीं करना पड़ेगा।
कैसा होगा बायोसेंसर
यह फोटोनिक चिप की तरह है। इससे रक्त, लार या मूत्र का इस्तेमाल कर शुगर, हृदय रोग, वायरल इन्फेक्शन सहित अन्य बीमारियों का पता मिनटों में लगाया जा सकेगा। इसको स्मार्ट मोबाइल फोन से जोड़कर टेस्टिंग रिपोर्ट को देखा जा सकेगा।