नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) और गैर-सरकारी संगठनों के एक समूह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के 7 घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाया। यमुना के कालिंदी कुंज, निगमबोध घाट, सिग्नेचर ब्रिज, सोनिया विहार पुश्ता 1, सुंगरपुर, गांधी नगर सहित 7 घाटों पर आयोजित श्रमदान गतिविधियों में स्कूली छात्रों ने भाग लिया। 23 जुलाई को सुबह साढे सात बजे से शुरू स्वच्छता अभियान में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और दिल्ली नगर निगम (MCD) के अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
एनजीओ की सहभागिता रही
स्वच्छता अभियान का हिस्सा रहे गैर-सरकारी संगठनों में भारतीयम, रोटरी मंथन, अर्थ वॉरियर्स, युवा परिवर्तन फाउंडेशन, एसवाईए आदि शामिल हैं। यह हर महीने के चौथे शनिवार को आयोजित एक नियमित गतिविधि है। NMCG के कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) डी. पी. मथुरिया ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और बेहतर तथा दीर्घकालिक भविष्य के लिए हमारी नदियों को साफ रखने के महत्व पर बातचीत की।
नमामि गंगे का हिस्सा
गंगा नदी की सहायक नदियों, विशेष रूप से यमुना, की सफाई नमामि गंगे कार्यक्रम के फोकस क्षेत्रों में से एक है। जहां नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत निर्मित कोरोनेशन पिलर पर 318 एमएलडी एसटीपी मार्च में चालू किया गया था वहीं, NMCG से वित्त पोषित यमुना नदी पर 3 अन्य मुख्य एसटीपी को दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें रिठाला, कोंडली और ओखला शामिल हैं जो एशिया में सबसे बड़े एसटीपी में से एक है। इससे नालों के गंदे पानी को यमुना में गिरने से रोकने में मदद मिलेगी। यमुना नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में अभियान चल रहा है।