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CPR : कार्डियक अरेस्ट में ऐसे बचाएं किसी की जान

बिहार भवन में दिया गया CPR का प्रशिक्षण

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। बिहार भवन, दिल्ली में 24 जून को CPR प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बिहार भवन, बिहार निवास और बिहार सदन से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मियों ने कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) तकनीक से जीवन बचाने का प्रशिक्षण लिया। मेदांता अस्पताल के बैसिक लाइफ सपोर्ट इंस्ट्रक्टर (BLS) श्री शैंकी डागर ने यह प्रशिक्षण दिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान स्थानिक आयुक्त कुंदन कुमार भी मौजूद रहे।

जीवन रक्षक प्रक्रिया है CPR

श्री डागर ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि हर साल कार्डियक अरेस्ट से 12 लाख युवा अपनी जान गंवा देते हैं। इसलिए उनके अस्पताल ने अस्पताल के बाहर इससे जिंदगी बचाने के लिए जरूरी प्रशिक्षण देने की एक मुहिम शुरू की है। इसके तहत ही कार्डियक अरेस्ट या रेस्पिरेटरी अरेस्ट या दोनों के होने पर मरीज की जान कैसे बचाई जाए, इसको लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने अपने प्रशिक्षण के दौरान कहा कि CPR एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है। इसको लेकर समाज के लोगों में जागरूकता जरूरी है। कोई भी आम आदमी इसे सीख सकता है जिससे मौके पर ही मरीज को राहत देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। इस तरह के प्रशिक्षण से अगर एक भी जान बचाने में सहायता मिलती है तो यह बड़ी सफलता होगी।

CPR से ऐसे बचाए जान

उन्होंने बताया कि CPR संजीवनी का काम करता है। CPR के दौरान अपने दोनों हाथों की मदद से एक मिनट में 100 से 120 बार छाती के बीच में जोर से पुश करना होता है। इसके बाद मुंह से सांस देनी होती है। इसे माउथ टू माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं। इसके लिए उस पीड़ित को पहले किसी समतल जगह पर लिटाया जाता है और इसके बाद रेस्पिरेशन दिया जाता है। यह रेशियो वयस्क के लिए 30/2 में होना चाहिए जबकि बच्चे में अगर आप अकेले हैं तो यहीं रेशियो रख सकते हैं, नहीं तो 15/2 में दिया जाना चाहिए। रिस्पांस, पल्स और सांस सीपीआर में जरूरी है। उन्होंने कार्डियक और रेस्पिरेटरी अरेस्ट में भी अंतर की जानकारी देते हुए कुछ टिप्स सांझा किए।

सबको लेनी चाहिए यह जानकारी

स्थानिक आयुक्त कुंदन कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसकी सभी को जानकारी होनी चाहिए जो किसी का जीवन बचाने में मददगार हो सकती है। उम्मीद है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से यहां मौजूद कर्मी किसी का जीवन बचाने में आगे अहम भूमिका निभा सकेंगे। कार्यक्रम के समापन पर श्री कुमार ने शैंकी डागर को इस ट्रेनिंग सेशन को सफलतापूर्वक संपन्न करने पर एक भेट देकर सम्मानित किया।

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