एईएससे बचाव के उपाय की खोज के लिए अब जर्मनी के विशेषज्ञ भी शोध करेंगे। शोध के लिए विशेषज्ञ यहां आएंगे। उनके साथ alt147 क्लाइमेट चेंज इम्पैक्ट ऑन वेक्टर बॉर्न डिजीज लाइक मलेरिया एंड जापानी एंसेफ्लाइटिस’ विषय पर पीएचडी कर रहे छात्र भी शामिल होंगे। नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम, दिल्ली के निदेशक डॉ. एसी धारीवाल ने एसकेएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गोपाल शंकर सहनी को लिखे पत्र में यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि अब तक इन्फेक्शन और वायरस को लेकर शोध होता रहा है। इसी कड़ी में जर्मनी के विशेषज्ञ गर्मी नमी पर की गई शोध पर सकारात्मक मंतव्य दिए हैं। जर्मन विशेषज्ञ ने ह्यूमिडिटी, रेनफाॅल और टेम्प्रेचर से एईएस होने के कारणों की आशंका जताई है। निदेशक ने डॉ. सहनी से शोध में सहयोग और समन्वय का अनुरोध किया है। इधर, डॉ. सहनी ने बताया कि उन्हें पत्र मिला है। क्लाइमेट चेंज, मानसून, फ्लड, साइक्लोन, अरबन हीटिंग, गंगा के बदलते स्वरूप समेत कई बिंदुओं पर शोध होगा। यह शोध भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग को लेकर शोध में भी मदद करेगा।
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