2030 तक सबकी सलामती के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें स्थायी विकास लक्ष्य (एसडीजीएस) के तहत मजबूत भगीदारी की जरूरत हैः जे.पी.नड्डा
नई दिल्ली/ 11.12.15/ भारत की बिगड़ते स्वास्थ्य का ईलाज सरकार निजी क्षेत्र के उद्यमियों से कराना चाहती है। स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए निजी क्षेत्रों को आगे आने का आह्वान किया है। दिल्ली में भारतीय औद्योगिक परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित 12 वें भारतीय स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेक्टर में कई चुनौतियों के बावजूद हमारा दृष्टिकोण नागरिकों को बिना वित्तीय कठिनाई के व्यापक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्लध कराना है।
स्पेशल टास्क फोर्स
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने एक स्पेशल टॉस्क फोर्स गठन करने की घोषणा की है। इस फोर्स में भगीदारी को आगे के लिए मंच प्रदान करने को स्वास्थ्य मंत्री और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने कहा ‘स्वास्थ्य के मुद्दे पर उद्योग से हमारी वर्षों से बातचीत चल रही थी। और अब इस दिशा में आगे बढ़ने का उचित समय आ गया है। मैं प्रभावी सार्वजनिक, सार्वजनिक-निजी और नागरिक समाज की भागीदारी अनुभव, विशेषता और परस्पर विश्वास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करता हूं। मैं आशा करता हूं कि सरकार को अपनी लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में ऐसे सम्मेलनों से सहयाता मिलती रहेगी।
दक्षिण-भारत की तरह उत्तर-भारत में भी हो स्वास्थ्य सुविधा
श्री नड्डा ने स्वास्थ्य सेक्टर में विभिन्न चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे सामने शहरी और ग्रामीण सुविधाओं में अंतर, निजी एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में अंतर और स्वास्थ्य गतिविधियों से संबंधित विनियमन जैसी कई चुनौतियां हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह देश के दक्षिणी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेंवाओं से संबंधी बुनियादी का घनत्व है उस तरह का घनत्व उत्तरी और केन्द्रीय भूभाग में नहीं है। पूर्वोत्तर और केन्द्रीय आदिवासी इलाकों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने कहा कि सामान्य तौर पर हमारा ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यमिक और इसके अगले चरण पर रहता है जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है।
श्री नड्डा ने कह कि मानव संसाधन का अभाव, अपर्याप्त बुनियादी सुविधा,कमजोर लॉजिस्टिक और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति के लिए सुनिश्चित आपूर्ति श्रृखंला की व्यवस्था की कमी अभी भी इस दिशा में चिंता के कारण हैं।
उपलब्धि
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि कि स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने और 2030 तक सबकी सलामती के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें स्थायी विकास लक्ष्य (एसडीजीएस) के तहत मजबूत भगीदारी की जरूरत है। मंत्रालय की हाल की उपलब्ध्यिों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘मिशन इन्द्रधनुष’’ के पूर्ण परीक्षण का प्रतिशत 65 तक पहुंच गया है जबकि 2020 तक इसे 90 प्रतिशित तक करना है। उन्होंने कहा कि देश मे स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और मिशन इन्द्रधनुष ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन कार्यक्रमों की शुरुआत से अब तके 134000 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं।
योजनाएं
मंत्री महोदय ने आगे बताया कि इंडिया न्यू बोर्न एक्शन प्लान (आईएनएपी) का लक्ष्य वर्ष 2030 तक नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना और जन्म दर को एक अंक तक लाना है। हाल ही में नियमित प्रतिरक्षण प्रोग्राम के तहत शुरू किया गया आईपीवी भी शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि वयस्कों के लिए मंत्रालय जल्दी ही जेईएमआर और रोटावायरस जैसे टीका लाने वाला है।
उन्होंने निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का मसौदा तैयार करने में सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि उनका सुझाव नीति को अर्थपूर्ण और समग्र बनाएगा।
इस मौके पर सीआईआई स्वास्थ्य सेवा परिषद के चेयरमैन डा: नरेश त्रेहन, मेदांता –द मेडिसिटी के प्रबंध निदेशक श्री महावीर मोहन सिंह, फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक श्री राहुल खोसला, सीआईआई हेल्थकेयर परिषद के सह अध्यक्ष और मैक्स इंडिया के प्रबंध निदेशक भी उपस्थित थे।
क्या कहता है स्वस्थ भारत अभियान
स्वस्थ भारत अभियान का स्पष्ट मानना है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी दखलअंदाजी राष्ट्र के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में लेना चाहिए। वर्तमान में अनियंत्रित स्वास्थ्य सेवा के कारण ही आम लोगों का ईलाज नहीं हो पा रहा है। मीडिया में लगातार इस तरह की खबरे आ रही हैं कि निजी क्षेत्र मरीजों को लूटने में जुटे हैं। ऐसे में निजी हाथों में स्वास्थ्य की कमान आने वाले भविष्य में गरीबों के स्वास्थ्य-रक्षा की दिशा में शुभ संकेत नहीं हैं।