जन औषधि केंद्र मॉडल विश्व में सर्वश्रेष्ठ : इंडोनेशिया
गांधीनगर (स्वस्थ भारत मीडिया)। हमारा विजन स्पष्ट है, हमारे लक्ष्य महत्वाकांक्षी हैं और हमारा निर्णय अटल है। भारत के लिए हेल्थ सेक्टर एक मिशन है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने जी 20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के दौरान भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग और जी 20 मंत्रियों को संबोधित करते हुए कही।
हेल्थ सेक्टर में भारत की शक्ति अपार
उन्होंने औषधियों और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में भारत की शक्ति को गर्व से स्वीकार करते हुए औषधि क्षेत्र में उत्कृष्टता के एक वैश्विक केंद्र के रूप में इसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, भारत को वैश्विक औषधि क्षेत्र के परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्थिति के रूप में जाना जाता है। दुनिया की लगभग 60 प्रतिशत वैक्सीन जरूरतों को पूरा करने और 20-22 प्रतिशत जन-औषधि निर्यात के साथ किफायती, उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं को उपलब्ध कराने में देश के समर्पण को उन्होंने रेखांकित किया। महामारी के विरूद्ध लड़ाई में भारत ने लगभग 185 देशों को आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराईं।
नवाचार के लिए नीति अंतिम चरण में
स्वास्थ्य सेवा की प्रगति में अनुसंधान और विकास के सर्वाेच्च महत्व को स्वीकार करते हुए डॉ. मांडविया ने एक नवाचारी माहौल को बढ़ावा देने में हुई भारत की प्रगति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत फार्मा-चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में अनुसंधान और विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय नीति शुरू करने के अंतिम चरण में है।
जनऔषधि केंद्र का किया दौरा
मंत्री ने इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्री बुदी जी सादिकिन सहित जी 20 प्रतिनिधियों और मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल का जन औषधि केंद्र के दौरे के लिए नेतृत्व किया। दौरे के बाद सादिकिन ने कहा कि मैंने विभिन्न देशों के कई मॉडल देखे हैं और भारत का जन औषधि केंद्र मॉडल लोगों को गुणवत्तायुक्त, सहज और सुगम तथा किफायती दवाइयां उपलब्ध कराने के मामले में दुनिया में सबसे अच्छा है।