अजय वर्मा
नयी दिल्ली। स्वास्थ्य संबंधी नयी चुनौतियों से पार पाने के लिए MBBS के कोर्स में राष्ट्रीय चिकित्साा आयोग (NMC) ने कुछ जरूरी बदलाव किये हैं। इससे न वे पूर्णत: दक्ष होंगे बल्कि गांवों तक पहुंच भी बनेगी।
Family Adopt करना होगा
जानकारी के मुताबिक पहले सत्र में महामारी, क्लीनिकल एक्सपोजर और सामुदायिक चिकित्सा में परिवारों को गोद लेने (FAMILY ADOPTATION) जैसे नये कार्यक्रम शामिल किये गये हैं। सामुदायिक चिकित्सा में 67 घंटे की स्टडी निर्धारित की गई है। इसमें मेडिकल छात्रों को छोटे स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर एक परिवार को गोद लेकर स्वास्थ्य संबंधी स्टडी करनी होगी।
ऐसे होंगे तीनों फेज
अग्रिम नैदानिक जानकारी (Early Medical Exposer) के लिए 60 घंटे तय किये गये हैं। इस दौरान तीन विषयों बायोकेमेस्ट्री, एनाटॉमी और फिजियोलॉजी पढ़नी होगी। यह सब पहले चरण में करना होगा। दूसरे फेज में महामारी की चुनौतियों से निपटनें में डॉक्टरों को सक्षम बनाने के लिए एक नया कोर्स पेंडेमिक मॉड्यूल जोड़ा गया है जिस पर 28 घंटे की पढ़ाई होगी। क्लीनिकल कोर्स 660 घंटे का होगा। तीसरे फेज में 660 घंटे की क्लीनिकल पोस्टिंग की पड़ाई होगी। यह फेज साढ़े 10 घंटे का होगा।
2025 तक पूरा होगा तीसरा फेज
अब मान लिया जाये कि किसी ने 2022 में एडमिशन लिया है। उनका सत्र 15 नवंबर 2022 से शुरू हुआ है। तो नये कोर्स की शिक्षा का पहला फेज इस साल 15 दिसंबर तक चलेगा। दूसरा फेज 16 दिसंबर 2023 से 15 जनवरी 2025 तक चलेगा। तीसरा फेज 16 जनवरी 2025 से 30 नवंबर 2025 तक चलेगा।