फार्मा पार्क, बल्का ड्रग्स पार्क और चिकित्सा उपकरण पार्क स्थाूपित करने में जुटी सरकार
नई दिल्ली/
भारत सरकार यदि कटोच समिति रिपोर्ट को लागू करना चाहती है तो इस फार्मा सेक्टर के लिए वरदान कहा जा सकता है। कटोच समिति ने सरकार को स्पष्ट रूप से सुझाव दिया है कि भारत को फार्मा जरूरतों के लिए अपने यहां उत्पादन शक्ति में विस्तार करना होगा। कटोच समिति की रिपोर्ट को जल्द लागू करने की हम मांग करते हैं। संपादक
केन्द्री य रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने कहा है कि बल्क ड्रग्स पर कटोच समिति की रिपोर्ट जल्द ही लागू की जाएगी। आज नई दिल्ली में फार्मास्यू टिकल्सग एवं चिकित्सान उपकरणों के सालाना सम्मेतलन को संबोधित करते हुए उन्होंेने कहा कि मंत्रालय इस रिपोर्ट को पहले ही स्वीरकार कर चुका है और इस रिपोर्ट पर अन्यप विभागों से सलाह-मशविरा किया जा रहा है।
मंत्री महोदय ने कहा कि देश में फार्मास्यूसटिकल क्षेत्र एक नवोदित विकासशील उद्योग है, जिसमें अपार संभावनाएं हैं। भारत इस क्षेत्र में वैश्विक स्तदर पर अग्रणी बन सकता है। इसके लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचा, नियम-कायदे एवं शुल्कि ढांचे की आवश्य्कता है। उन्होंढने कहा कि सरकार फार्मा पार्क, बल्कक ड्रग्स पार्क और चिकित्साह उपकरण पार्क स्थािपित करने में जुट गई है। इससे उद्योग के लिए भूमि के किफायती एवं भार रहित बड़े खंड और साझा सुविधाएं हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे निर्माण लागत में 30 फीसदी की कमी करने में मदद मिलेगी, जिससे भातरीय फार्मा उद्योग विश्वफस्त र पर प्रतिस्प र्धी बनेगा।
वही दूसरी तरफ रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूरटिकल विभाग की सलाहकार समिति की बैठक दिल्ली में आयोजित की गई। आज की बैठक का विषय थे- (i) राष्ट्री य फार्मास्यूकटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थालन और (ii) जन औषधि योजना। केन्द्री्य रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने बैठक की अध्यकक्षता की। रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहिर और अनेक माननीय सांसदों रामनाथ ठाकुर, कहकशां परवीन, आर. गोपालाकृष्ण्न, बी. श्रेयामुलू, वीरेन्द्र सिंह और बंसीलाल महतो ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया। फार्मास्यूसटिकल विभाग के अधिकारीगण भी बैठक में उपस्थित थे।
बैठक के दौरान सदस्योंल को नाइपर्स की ताजा स्थिति से अवगत कराया गया। यह जानकारी दी गई कि सरकार द्वारा 11 नाइपर्स को मंजूरी दी गई है, जिनमें से सात कार्यरत हैं।
जन औषधि योजना का जिक्र करते हुए यह जानकारी दी गई कि यह योजना वर्ष 2008 में शुरू की गई थी, लेकिन योजना में निहित कुछ खामियों के कारण यह कामयाब नहीं हो सकी। दवाओं की संख्या बढ़ाने और संबंधित दुकानों को भी शल्य चिकित्सा एवं उपभोज्य वस्तुओं की बिक्री की अनुमति देने के लिए अब इस योजना को संशोधित किया जा रहा है।
कटोच समिति एक नज़र
फार्मा सेक्टर में भारतीय उद्यमिता को बढावा देने के लिए सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था, जिसका अध्यक्ष डॉ.वी.एम.कटोच को बनाया गया। उस समय वे स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव थे। अपनी रिपोर्ट फरवरी-2015 में जमा कर दी थी। तब से लेकर अब तक इस रिपोर्ट पर अलग-अलग विभागों में केवल बातचीत ही चल रही है। अब जाकर मंत्री महोदय ने इसे लागू करने की बात कही है। यदि यह लागू होता है तो निश्तित रूप से भारतीय फार्मा बाजार के लिए एक शुभ संकेतक है।