- इस कैंपेन को मिल रहा है बॉलीवुड का साथ
- नई दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में होगा आयोजन
नई दिल्ली/16.12.15 / देश में स्वास्थ्य चिंतन को बढावा देने के लिए शुरू स्वस्थ भारत अभियान अपना नया कैंपेन शुरू करने जा रहा है। इस कैंपेन का नाम है ‘नो योर मेडिसिन’ अर्थात् अपनी दवा को जानिए। 18 दिसंबर को स्वस्थ भारत ट्रस्ट स्वस्थ भारत अभियान के अंतर्गत् ‘नो योर मेडिसिन’ शॉर्ट फिल्म (कैंपेन विडियो) जनहित में जारी करने जा रहा है। इस विडियो में बॉलीवुड के नामचीन कलाकारों ने काम किया है। बॉलीवुड के जाने-माने फिल्ममेकर सुनील अग्रवाल ने इसे निर्देशित किया है वहीं बॉलीवुड में ख्यातिप्राप्त एडिटर बल्लु सलुजा ने एडिट किया है। पुनीत वशिष्ठ व संचिता बनर्जी अभिनित इस लघु फिल्म में यह बताने की कोशिश की गयी है कि आम लोगों को दवा के बारे में मूलभूत जानकारी रखनी चाहिए।
किसने क्या कहा
स्वस्थ भारत अभियान द्वारा जनहित में जारी इस विडियो के माध्यम से हम देश-दुनिया को दवाइयों के बढ़ते साइड अफेक्ट के बारे में जागरूक करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि लोग दवा खाते समय विशेष सावधानी बरतें। डॉक्टर व मरीज के बीच एक हेल्थी संवाद सुनिश्चित हो। अतः हम चाहते हैं कि आप अपनी दवा को जानिए।-सुनील अग्रवाल, निर्देशक, नो योर मेडिसिन
स्वस्थ भारत अभियान की यह पहल सराहनीय है। इस तरह फिल्में बनती रहनी चाहिए। इससे लोगों के बीच स्वास्थ्य-जागरूकता बढ़ेगी।– बल्लु सलुजा, फिल्म एडिटर, नो योर मेडिसन
स्वस्थ भारत ट्रस्ट की यह पहल स्वागत योग्य है। इस फिल्म में काम करके मुझे बहुत सुकुन मिला। इस फिल्म से हम समाज को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना चाहते हैं। स्वास्थ्य हमारा सबसे बड़ा धन है, इसे बचाना जरूरी है। स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से अपनी दवा को जानना जरूरी है। अपनी दवाइयों को जरूर जानिए। संचिता बनर्जी,अभिनेत्री
इस फिल्म को बनाने के पीछे की सोच यही रही है कि लोगों के बीच मजबूती के साथ यह संदेश प्रेषित किया जा सके कि दवाइयों को जानना कितना जरूरी है। गलत दवा व दवा का गलत प्रयोग हमें और बीमार बना देता है।–संजय बडोनी, अभिनेता
वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य को लेकर लोग सजग हो रहे हैं। नो योर मेडिसन के माध्यम से हम यह कहना चाहते हैं कि आप जो दवा ले रहे हैं, उसे चिकित्सक व फार्मासिस्ट के मार्गदर्शन में ही लें। दवा का संबंध सीधे आपके स्वास्थ्य से है। एवरेस्टर नरिन्दर सिंह, ब्रांड एम्बेसडर, स्वस्थ भारत अभियान
दवा आज जरूरत बन गयी है, किसी न किसी रूप में दवा से हमारा वास्ता पड़ ही जाता है। ऐसे में जरूरत है कि हम अपनी दवाइयों को जानें। दवा कब लेनी है, कैसे लेनी हैं, कितनी मात्रा में लेनी है, इसकी समझ विकसित हो। डॉ. सागर, गीतकार, बॉलीवुड
स्वस्थ भारत अभियान एक परिचय
सभी भारतीयों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना। भारतीय में स्वास्थ्य चिंतन की अवधारणा को विकसित करना। स्वस्थ भारत का निर्माण करना जहाँ सभी लोग सभी के लिए सोचते हों। जहां पर समष्टि का भाव प्रबल हो और व्यवष्टि का भाव न्यून।
हमसे नहीं, हमारे विचारों से मिलिए
जब दिल को चोट लगती है तो एक आह निकलती है। यह आह एक चिंगारी को जन्म देता है और चिंगारी कब आग का रूप धारण कर लेती है मालूम ही नहीं चलता।
22 जून 2012 को पत्रकार आशुतोष कुमार सिंह के दिल पर दवा माफियाओं ने एक ऐसी ही चोट पहुंचायी थी। उनके मुंह से आह की आवाज आयी थी और आज वह आह रूपी चिंगारी ‘स्वस्थ भारत अभियान’ के रूप में आग की तरह फैल रही है।
देश के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे रावणों का संहार करने के लिए ही स्वस्थ भारत अभियान की शुरूआत हुई है। इस अभियान को गति देने के लिए www.swasthbharat.in वेबसाइट 2 अक्टूबर, 2014 को मुंबई के प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में देश को समर्पित की गयी, तब से स्वास्थ्य समाचार-विचार-समाधान पर हम बात कर रहे हैं। हमारा सूत्र वाक्य है-स्वस्थ भारत विकसित भारत। तो आइए हम सब मिलकर भारत को स्वस्थ बनाने का संकल्प लें ताकि हमारा हिन्दुस्तान पूरी तरह स्वस्थ होकर विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल हो सके।
दरअसल स्वास्थ्य कोई वस्तु नहीं है। यह एक भाव है। जब आप स्वस्थ होते हैं तब आप परोपकारी होते हैं। सामाजिक होते हैं। क्रय-विक्रय से इतर आनंद की राह प्रशस्त करता है आपका स्वास्थ्य।
क्या है स्वस्थ भारत अभियान?
‘स्वस्थ भारत अभियान’ हिन्दुस्तान को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है। हिन्दुस्तान में स्वास्थ्य चिंतन का बहुत अभाव है, इसी अभाव को प्रभाव में बदलने की एक कोशिश है स्वस्थ भारत अभियान।
क्या है कंट्रोल एम.एम.आर.पी?
एम.एम.आर.पी. यानी कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिमम रिटेल प्राइस कैंपेन पिछले तीन वर्षों से चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि दवाइयों में मची लूट को रोका जाए।
क्या है जेनरिक लाएं पैसा बचाएं कैंपेन
भारत दुनिया के बड़े जेनरिक दवा उत्पादकों में से एक है। बावजूद इसके भारत की गरीब जनता को ब्रांड के नाम पर महंगी दवाइयों खिलाने की साजिश रची जा रही है। इस दिशा में जेनरिक मेडिसिन यानी ब्रांड रहित दवा के प्रसार करना हमारा ध्येय है ताकि लोगों को सस्ती दवाइयां मिल सकें। ध्यान रहे जेनरिक दवाइयों के नामों को लेकर बहुत गलतफहमियां है, जिसे दूर करना जरूरी है। यह काम सरकार कर सकती है। सरकार पर इस बावत दबाव डालना बहुत जरूरी है।