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भारत के अस्पतालों में बढ़ रही विदेशी मरीजों की संख्या

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कभी बीमारियों का गढ़ माना जाने वाला भारत अब मेडिकेयर क्षेत्र में इतना संपन्न हो गया है कि दूसरे देशों से भी मरीज इलाज कराने यहां आने लगे हैं। इतना ही नहीं इनकी तादाद भी हर साल बढ़ती जा रही है।

ब्रिटेन से आ रहे ज्यादा मरीज

बात ब्रिटेन की करें तो वहां से लगभग 12 हजार लोग अपना इलाज करवाने भारत आने वाले हैं। अभी तक वहां से करीब तीन हजार मरीज अपना इलाज कराने के लिए भारत पहुंच चुके हैं। पिछले साल सिर्फ 12 सौ ब्रिटेनवासी इलाज के लिए भारत आए थे। अफ्रीकन देशों के साथ इंडोनेशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों से भी लोग अब बेहतर तथा सस्ते इलाज के लिए भारत को पसंद करने लगे हैं।

सस्ता, भरोसेमंद होना भी एक वजह

मौजूद आंकड़ों बताते हैं कि बायपास सर्जरी का खर्चा ब्रिटेन में 15 लाख, फ्रांस में 13 लाख्, अमेरिका में 14 लाख आता है लेकिन भारत में लगभग चार लाख रूपए में हार्ट की बायपास सर्जरी हो जाती है। इसी तरह ब्रिटेन में मोतियाबिंद ऑपरेशन के लगभग तीन लाख 60 खर्च हो जाते हैं, फ्रांस में एक लाख और अमेरिका में सवा दो लाख खर्च होते हैं। जबकि भारत में इसके लिए औसतन सिर्फ 60 हजार रुपए का खर्चा आता है। दिल्ली के मैक्स, अपोलो और गुरुग्राम के मेदांता में विदेषी मरीजों की अच्छी संख्या रहती है। विदेशी मरीजों के इंडेक्स में भारत का दसवें नंबर पर है।

ब्रिटेन में मरीजों की वेटिंग लिस्ट लंबीं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले 6 महीने से ब्रिटेन के डॉक्टर और नर्स आठ बार हड़ताल पर गए और इसी के चलते मरीजों की वेटिंग लिस्ट 70 लाख तक पहुंच चुकी है। ब्रिटेन में 15 हजार डॉक्टरों की कमी भी है। भारत और ब्रिटेन के कई एसोसिएशन ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मिलकर प्रस्ताव दे चुके हैं कि वेटिंग लिस्ट वाले मरीज भारत आएं और अच्छा इलाज करवाएं।

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