नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सबसे अपील की है कि देश को 2025 तक टीबीमुक्त बनाने के लिएसहयोग करें। सरकार भी इस दिशा में मिशन मोड में काम कर रही है। टीबी मुक्त भारत अभियान दो दिन पहले लॉन्च हुआ था। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर कहा है कि मैं सभी से इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस जन-आंदोलन में शामिल होने की अपील करता हूं। लोग नि-क्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की मदद करने के लिए आगे आएं। अभियान की लॉंचिंग के दिन भी उन्होंने यह आग्रह किया था।
जनांदोलन बने योजना
उस दिन उन्होंने रोगी केंद्रित स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के महत्व को रेखांकित करते हुए निःक्षय पोषण योजना जैसी सहायता योजनाओं के योगदान की सराहना की, जो टीबी का इलाज कराने वालों को पोषण सहायता के रूप में डीबीटी के माध्यम से 500 रुपये प्रदान करती है। उन्होंने निर्वाचित प्रतिनिधियों, कॉरपोरेट जगत की अग्रणी हस्तियों और समाज के अन्य प्रभावशाली लोगों से आह्वान किया था कि वे टीबी का इलाज करा रहे रोगियों को पोषण, नैदानिक और व्यावसायिक सहायता प्रदान करके टीबी उन्मूलन के जनांदोलन में शामिल हों।
निःक्षय पोषण योजना में भाग लें
मालूम हो कि 2021 में भारत ने अनुमानित मामलों की संख्या और नि-क्षय पोर्टल पर पहले दर्ज किए गए मामलों के बीच अंतर को सफलतापूर्वक पाटते हुए टीबी के 21 लाख मामलों को अधिसूचित किया। नि-क्षय पोषण योजना (NPY) जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं सहित कई दूरंदेशी नीतियों को लागू किया गया है, जिससे टीबी रोगियों, विशेष रूप से वंचित लोगों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिली है। देश भर में 2018 से अब तक टीबी का इलाज करा रहे 65 लाख से अधिक लोगों को लगभग 1,707 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।