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Redfort : भारत 2047 तक बनेगा स्वस्थ और विकसित : पीएम

  • ‘स्वस्थ भारत न्यास’ के संकल्पों को दुहराया पीएम ने
  • पांच साल में मेडिकल की 75 हज़ार सीटें बढ़ेंगी
  • हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है श्रीअन्न को
अजय वर्मा

नयी दिल्ली। लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वस्थ भारत पर फोकस किया और इससे जुड़े कई पक्षों यथा कोरोना, वैक्सीनेषन, पोषण, श्रीअन्न, षुद्ध पेयजल आदि पर अपने लक्ष्य से सबको अवगत कराया। उन्होंने साफ कहा कि हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को न केवल विकसित बल्कि स्वस्थ भी बनाना है। आपको जानकारी हो कि एक दशक से ‘स्वस्थ भारत न्यास’ भी ऐसा ही लक्ष्य लेकर अपना हर कदम बढ़ा रहा है।

ट्रेडिशनल मेडिसिन से बनेगा वेलनेस हब

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब एक लाख कर दिया। अभी भी सीट की कमी के कारण हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। अब सरकार अगले पांच साल में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हज़ार सीटें और बढ़ायेगी। सीट पर्याप्त होने पर उन्हें बाहर नहीं जाना होगा। लोग कहते हैं कि दुनिया जब आज हॉलिस्टिक हेल्थकेयर की तरफ जा रही है तो हम क्यों पीछे रहें? हम भारत की पारंपरिक ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर सजग हैं और इनको लेकर भारत को वेलनेस हब के रूप में विकसित करने के प्रयास में है। यही तो हमारी औषधि है।

पोषण, श्रीअन्न और शुद्ध पेयजल पर फोकस

अच्छे स्वास्थ्य के लिए पोषण और शुद्ध पेयजल महत्वपूर्ण फैक्टर है। पीएम ने कहा कि जब स्वस्थ भारत के लिए बच्चों के पोषण पर अभी से ही ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए हमने विकसित भारत की पहली सीढ़ी पोषण को प्राथमिकता देते हुए राष्ट्रीय पोषण मिशन चलाया है। पोषण के क्रम में ही उन्होंने श्रीअन्न को प्रोमोट करते हुए कहा कि हमारे किसान जो मोटा अनाज पैदा करते हैं, जिसको हम श्रीअन्न कहते हैं, उस सुपर फूड को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है। हमें विश्व के पोषण को भी बल देना है और इससे भारत के छोटे किसानों को भी मजबूती भी मिलेगी। पेयजल की शुद्धता को भी स्वास्थ्य के लिए उन्होंने जरूरी माना और कहा कि आज जल जीवन मिशन के तहत 15 करोड़ परिवारों के घर में नल से जल पहुंच रहा है।

नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा

विकसित भारत का एक स्तंभ शिक्षा भी है। पीएम ने इस संदर्भ में बिहार की चर्चा करते हुए कहा कि इसका इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। सरकार ने वहां नालंदा यूनिवर्सिटी का पुनर्निर्माण किया है। फिर से एक बार नालंदा यूनिवर्सिटी ने काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन हमें शिक्षा के क्षेत्र में फिर से एक बार सदियों पुराने उस नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा, उसके साथ जीना होगा, उसको लेकर विश्व की ज्ञान की परंपराओं को नई चेतना देने का काम करना होगा। मातृभाषा में शिक्षा के फलाफल पर उन्होंने कहा कि भाषा के कारण टैलेंट को रूकावट नहीं आनी चाहिए। मातृभाषा का सामर्थ्य हमारे देश के छोटे-छोटे, गरीब से गरीब मां के बेटे को भी सपने पूरा करने का ताकत देती है और इसलिए हमने हमारी मातृभाषा में पढ़ाई, जीवन में मातृभाषा का स्थान, परिवार में मातृभाषा का स्थान उसकी ओर हमें बल देना होगा।

स्पेस सेक्टर भारत का भविष्य

उन्होंन अंतरिक्ष क्षेत्र की तेज उड़ान की सराहना की। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने अतीत की बंदिशों से मुक्त करते हुए अंतरिक्ष क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। लोगों की आकांक्षा है कि अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन जल्द से जल्द बने। स्पेस सेक्टर एक फ्यूचर है। आज सैंकड़ों startups इस सेक्टर में आ रहे हैं। आज प्राइवेट सेटेलाइट्स, प्राइवेट रॉकेट लान्च हो रहे हैं जो गर्व की बात है। जीवंत अंतरिक्ष क्षेत्र भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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