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Swasthya sansad : पांच संस्थानों को मिला स्वस्थ भारत सुशीला नायर उत्कृष्टता सम्मान

कुमारगंज, (अयोध्या) (स्वस्थ भारत मीडिया)। हाल ही संपन्न स्वास्थ्य संसद-24 के अंतिम दिन स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अनुपम काम करने वाली संस्थाओं को स्वस्थ भारत सुशीला नायर उत्कृष्टता सम्मान से नवाजा गया है। कार्यक्रम आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रांगण में हुआ था। जानना जरूरी है कि इनका अपने-अपने क्षेत्र में इनके क्या कीर्तिमान हैं।

महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केन्द्र, पटना

पटना का महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केन्द्र इस मायने में सबसे अलग है जहां गरीबों एवं जरूरतमंद मरीजों को सेवाभाव से अत्याधुनिक पद्धति से उपचार मिलता है। इसका संचालन महावीर मंदिर न्यास करती है। टेस्ट. अल्ट्रासाउंड, एक्सरे या ब्लड और दवा, सब बाजार कीमत से यहां सस्ता मिलता है। इसकी स्थापना 1998 में श्री महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव और मानस मर्मज्ञ आचार्य किशोर कुणाल जी ने की थी। यहां 18 वर्ष तक के कैंसर पीड़ित बच्चों का इलाज मुफ्त किया जाता है। व्यस्कों को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। बिहार के मरीजों को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से यह संस्थान अपनी पहल पर 80 हजार से एक लाख रुपये तक मदद दिलाता है। बिहार के बाहर के कैंसर मरीजों को भी विशेष अनुदान और ठहरने की सुविधा मिलती है।

विवेकानंद केन्द्र, कन्याकुमारी

स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों पर केंद्रित ‘शिव भावे जीव सेवा’से यह केंद्र देशभर में स्वास्थ्य कार्य चला रहा है। इसकी स्थापना 1972 में हुई थी। केंद्र द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति और ग्राम विकास के साथ योग, संस्कार तथा स्वाध्याय के माध्यम से मनुष्य निर्माण से राष्ट्र पुनरुत्थान के उद्देश्य को लेकर कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में नुमालीगढ़ (असम), पारादीप (ओडिशा) और बीना (मध्य प्रदेश) में हॉस्पिटल संचालन के अलावा स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, मोबाइल वैन सुविधा, न्यूनतम दरों पर विभिन्न टेस्ट और निशुल्क साप्ताहिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है। इनके अतिरिक्त गरीब बस्ती में बच्चों की निशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए आनंदालय पूरे देश में चलाए जा रहे हैं।

बिहार योग विद्यालय, मुंगेर

मुंगेर में गंगा के तट पर अवस्थित कर्ण की भूमि में बिहार योग विद्यालय की स्थापना 1963 में स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने की थी। वे इसे योगिक पुनर्जागरण का केंद्र बनना चाहते थे जो आज आध्यात्मिक प्रकाश स्तंभ के रूप में खड़ा है और योग के प्राचीन ज्ञान से परिचित कराता है। इसे दुनिया का पहला योग यूनिवर्सिटी कहा जाता है। स्वामी जी का लक्ष्य था योग का प्रसार और उनके समर्पण से मुंगेर को योग नगरी का दर्जा मिला। आज यहां योग केवल अभ्यास नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है। 2013 में इसने अपनी स्वर्ण जयंती मनाई थी जिसमें 56 देशों के योग अनुरागी आये थे। 2019 में इसे योग के प्रचार और विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से नवाजा गया। यह दुनिया भर में अनगिनत लोगों को आध्यात्मिक और योगिक पोषण प्रदान कर रहा है।

स्वस्थ भारत उत्कृष्टता सम्मान-24 (विशेष रेखांकन)
आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या

अयोध्या स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ANDUAT) की स्थापना 1975 में हुई थी और इसका नाम राजनीतिज्ञ और शिक्षक नरेंद्र देव के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया था। इसकी शोध गतिविधियों का फोकस मुख्य रूप से कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुसार कृषक समुदाय की आवश्यकताओं को पूरा करना है। इसने विभिन्न फसलों की 184 किस्में जारी की हैं और विशेष रूप से सिंचित तथा शुष्क भूमि कृषि, जल प्रबंधन, कीट और रोग प्रबंधन के तहत सांस्कृतिक प्रथाओं के क्षेत्र में कई उत्पादन तकनीकें विकसित की हैं। खासकर खाद्य फसलों, सब्जी, बागवानी फसलों, रेशेदार और औषधीय तथा सुगंधित पौधों आदि में। भारत के अलावा दूसरे देशों के छात्र भी यहां शिक्षण प्राप्त करने आते हैं।

श्री दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय, अयोध्या

1981 में गठित समाजसेवी संस्था कल्याणं करोति की स्थापना हुई थी। वही इस चिकित्सालय का संचालन करती है। इसका उद्घाटन 04 नवंबर 2005 को हुआ था। इस चिकित्सालय में 04 नवंबर 2005 से 31 मार्च 2024 तक नेत्र विशेषज्ञों द्वारा 9,05,799 नेत्र रोगियों का पंजीकरण करते हुए 2,25,168  रोगियों का ऑपरेशन सम्पन्न कराया जा चुका है। इसमें 2,22,664 रोगियों का मोतियाविन्द ऑपरेशन तथा 2,504 अन्य ऑपरेशन कराये जा चुके हैं। चिकित्सालय को मूर्तरूप देने में परम् पूज्य महंत श्री नृत्यगोपालदास जी की सद्प्रेरणा एवं श्री मणिरामदास छावनी सेवा ट्रस्ट, अयोध्या की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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