नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में दायर रिट याचिका (सी) संख्या 539 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 के कारण मृतक जनों के परिवारों को यथा घोषित अनुग्रह सहायता के भुगतान का दावा दायर करने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है।
प्रमुख दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक 20 मार्च, 2022 से पहले कोविड-19 के कारण हुई मृत्यु के मामले में मुआवजे के दावे दायर करने के लिए 24 मार्च, 2022 से साठ दिनों की बाह्य समय सीमा लागू होगी। भविष्य में कोविड-19 से होने वाली किसी भी मृत्यु के लिए दावा दायर करने के लिए समय-सीमा मृत्यु की तिथि से नब्बे दिन की होगी। दावों की जांच एवं कार्यवाही करने के लिए दावे की प्राप्ति की तिथि से तीस दिन की अवधि के भीतर मुआवजे का वास्तविक भुगतान करने का पूर्व आदेश जारी रहेगा।
समय सीमा में सशर्त छूट भी
हालांकि कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया है कि अत्यधिक कठिनाई के मामले में जहां कोई दावेदार निर्धारित समय-सीमा के अंदर आवेदन नहीं कर सकता है तो वह शिकायत निवारण समिति के माध्यम से ऐसा कर सकता है। ऐसे दावों पर शिकायत निवारण समिति द्वारा मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाएगा और अगर शिकायत निवारण समिति द्वारा यह पाया जाता है कि कोई विशेष दावेदार उस निर्धारित समय-सीमा के भीतर दावा नहीं कर सकता है जो उनके नियंत्रण से बाहर है तो उस मामले में दावे पर गुणदोष के आधार पर विचार किया जा सकता है।
रैंडम जांच की भी व्यवस्था
इसके अलावा, माननीय न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि फर्जी दावों के जोखिम को कम से कम करने के लिए 5 प्रतिशत दावा आवेदनों की पहली बार में रैन्डम जांच की जाएगी। अगर यह पाया जाता है कि किसी व्यक्ति ने फर्जी दावा किया है, तो उस पर डीएम अधिनियम, 2005 की धारा 52 के तहत विचार किया जाएगा और उसे दंडित किया जा सकता है।