नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य विक्रेताओं और उपभोक्ताओं से कहा है कि वे खाद्य पदार्थों की पैकिंग, परोसने और भंडारण के लिए समाचार पत्रों (NEWSPRINT PAPER) का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें। FSSAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी कमला वर्धन राव ने उपभोक्ताओं और खाद्य विक्रेताओं से दृढ़ता से आग्रह किया है कि वे इन कामों के लिए समाचार पत्रों का उपयोग तुरंत बंद करें।
दूषित स्याही से खतरा
FSSAI ने आगाह किया कि समाचार पत्रों में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में विभिन्न बायोएक्टिव सामग्री होती है, जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालकर भोजन को दूषित कर सकती है और निगलने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है। नियामक ने कहा कि इसके अतिरिक्त, मुद्रण स्याही में सीसा और भारी धातुओं सहित रसायन हो सकते हैं, जो भोजन में घुल सकते हैं, जो समय के साथ गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं। उसने कहा कि इसके अलावा, समाचार पत्रों को अक्सर वितरण के दौरान अलग-अलग जगहों से गुजरते हैं, जिस कारण उनके बैक्टीरिया, वायरस या अन्य रोगजनकों के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा होना अति अतिसंवेदनशील है क्योंकि उनमें खाद्य पदार्थ पैक करने से ये भोजन में स्थानांतरित हो सकते हैं, संभावित रूप से खाद्य जनित बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
हो सकती हैं कई बीमारियां
एक्सपर्ट के मुताबिक अखबार की स्याही में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट, डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैसे रायसन मौजूद होते हैं। अखबार में गर्म खाना रखने से ये स्याही कई बार खाने के साथ चिपक जाती, जिससे सेहत को नुकसान होता है। शरीर में इन केमिकल्स की ज्यादा मात्रा होने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। मुंह के कैंसर से लेकर फेफड़ों के कैंसर होने तक का खतरा रहता है। इसके अलावा आंखों की रोशनी, पाचन तंत्र, हार्माेनल इम्बैलेंस, नपुंसकता या इनफर्टिलिटी का खतरा भी होता है।