• जेनरिक दवा खरीदने-बेचने के लिए अब लोन ले सकेंगे केन्द्र संचालक
• पीएमबीजेपी के साथ बैंक ऑफ बड़ोदा ने किया समझौता
• जनऔषधि संचालकों की क्रय शक्ति में होगा ईजाफा, जनऔषधि दवाइयों की उपलब्धता हो सकेगी सुनिश्चित
• सभी संचालकों को बीपीपीआई से आर्थिक लेन देने के लिए मिलेगा वर्चुवल अकाउंट नंबर
आशुतोष कुमार सिंह
नई दिल्ली/ 14.10.18
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के अंतर्गत चल रहे देश के 4100 से ज्यादा जनऔषधि संचालकों के लिए यह खुशी की खबर है। दवा खरीदने के लिए अब उन्हें बैंक ऑफ बड़ोदा पूंजी देने जा रहा है। उस पूंजी से वे डिजीटली जनऔषधि दवाइयों की खरिदारी कर सकेंगे। मुद्रा योजना के अंतर्गत बैंक ऑफ बड़ोदा उन्हें 9 फीसद की वार्षिक व्याज की दर पर लोन देगा।
इस बावत पीएमबीजेपी के सीइओ सचिन कुमार सिंह ने स्वस्थ भारत डॉट इन से बातचीत करते हुए कहा, ‘ हमारी पहली प्राथमिकता यह है कि हम अपने जनऔषधि संचालकों को आर्थिक रूप से सस्टनेबल बनाएं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने बैंक ऑफ बड़ोदा से टाइअप किया है। बैंक ऑफ बड़ोदा से हमारे जनऔषधि संचालकों को मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन की सुविधा दी जाएगी। इस पैसे का उपयोग वे सिर्फ और सिर्फ जनऔषधि क्रय यानी बीपीपीआई से आर्थिक लेन-देन में ही कर सकेंगे।’
जनऔषधि केन्द्रों को आर्थिक रूप से सस्टेन बनाना हमारा लक्ष्यः सचिन कुमार सिंह, सीइओ, बीपीपीआई
जनऔषधि केन्द्रों को तकनीकि रूप से मजबूत करने की दिशा में उठाए गए इस कदम के बारे में जनऔषधि के सीइओ आगे कहते हैं कि ‘हमारा शुरू से लक्ष्य रहा है कि जनऔषधि केन्द्रों को डिजटली मजबूत करें। इस दिशा में हम पहले ही ऑनलाइन ऑर्डर प्लेस की सुविधा शुरू कर चुके हैं। अब हमारे वेयर हाउस से सीधे जनऔषधि केन्द्रों को दवाइयां पहुंचाई जाने लगी हैं। इससे दवाइयों की उपलब्धता की समस्या को बहुत हद तक हमने दूर किया है। इसी कड़ी में हम अपने सभी केन्द्रों एक वर्चुवल एकाउंट न. जारी कर रहे हैं। केन्द्रों को इसी अकाउंट में पैसा जमा करना है। जैसे ही वे इस अकाउंट में अपना बकाया जमा करेंगे हमारे सिस्टम पर यह रिफ्लेक्ट हो जाएगा कि उनका बिल क्लीयर हो गया। इसके बाद उनके मांग के अनुरूप दवा की नई खेप उन्हें भेज दी जाएगी। इससे दवा भेजने में हो रही देरी में कमी आएगी एवं मांग एवं आपूर्ति का क्रम निर्बाध रूप से बना रहेगा।’ इस बीच डीजीटल कैश मैनेंजमेंट सिस्टम को लॉच करने के लिए इस महीने के 15 अक्टूबर को नई दिल्ली में बीपीपीआई एवं बैंक ऑफ बड़ोदा संयुक्त रूप से एक कार्यक्रम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया होंगे।
उत्साहित है जनऔषधि से जुड़े कर्मचारी एवं अधिकारी
बैंक ऑफ बड़ोदा से मिलने जा रहे लाभ को लेकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए गुजरात में बीपीपीआई का काम देख रहे कल्पेश रावल का कहना है कि इससे राज्य में चल रहे 350 से ज्यादा जनऔषधि केन्द्र संचालकों को बहुत लाभ होगा। खरीदारी की शक्ति बढ़ जाएगी। इससे दवाइयों की उपलब्धता और बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो पाएगी। वही बिहार में बीपीपीआई का काम देख रहे कुणाल किशोर का कहना है कि मुद्रा लोन की सुविधा से एक नई केन्द्र संचालकों को एक नई उड़ान मिलेगी। क्योंकि जनऔषधि केन्द्र खोलने वाले ज्यादातर लोगों की आर्थिकी बहुत मजबूत नहीं है। इन सूक्ष्म उद्यमियों में यह संजीवनी का काम करेगा। वहीं वर्चुवल अकाउंट न. के बारे में कुणाल का कहना ह कि इससे बीपीपीआई एवं जनऔषधि संचालकों के बीच आर्थिक लेन देने में न सिर्फ पारदर्शिता आएगी बल्कि तमाम तरह के आर्थिक लेनदेन को एक क्लिक में देखा जा सकेगा।
और अब ब्रिक्री की जगह खरीद पर इंसेटिव
बीपीपीआई में पिछले 6 महीनों में बहुत तेजी से बदलाव देखने को मिला है। इसी बीच बीपीपीआई ने अपने स्टोर संचालकों को राहत देते हुए यह फैसला लिया है कि केन्द्रों को दिए जाने वाले इंसेटिव ब्रिकी की जगह खरीद पर दी जाएगी। केन्द्र संचालकों ने इस फैसले का स्वागत किया है। गौरतलब है कि बीपीपीआई अपने सभी केन्द्रों को आर्थिक रूप से सस्टेन करने के लिए 15 फीसद का इंसेटिव देती है। यह इंसेटिव 15 फीसद या अधिकतम 10,000 रुपये तक मासिक का है। 2.5 लाख रुपये तक यह इंसेटिव दी जाती है। अभी जिनको इंसेटिव नहीं मिल पाया उन्हें एक मुश्त इंसेटिव दिए जाने की तैयारी चल रही है।
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