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मोबाइल एप बतायेगा जनऔषधि केन्द्रों का पता

  •  जनऔषधि केन्द्रों पर 90 फीसद तक सस्ती मिल रही हैं दवाइयां

  • राष्ट्रीय जरूरी दवा सूची की 80 फीसद दवाइयां जनऔषधि केन्द्रों पर हो चुकी हैं उपलब्ध

नई दिल्ली/22.08.18
आशुतोष कुमार सिंह
अब आपको सस्ती दवा ढूढ़ने के लिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार एक ऐसा मोबाइल एप लेकर आ रही है जो न केवल जनऔषधि केन्द्रों का पता बतायेगा बल्कि यह भी बतायेगा कि आप जिस दवा को ढ़ूंढ़ रहे हैं वो किस दुकान में मिलेगी। साथ ही आपसे सबसे नजदीकी दुकान कौन है? यह ऐप प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के अंतर्गत लॉच होगा। इस ऐप को आने में अभी 30-45 दिन तक और लग सकते हैं। इसके लॉच होते ही आप अन्य एप्लीकेशन की तरह इसे भी अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकेंगे और इस ऐप की मदद से अपने घर के दवाई खर्च को कम कर सकेंगे।

पीएमबीजेपी की ओर से जारी आंकड़ों की बात की जाए तो 17 अगस्त, 2018 तक देश में 3940 जनऔषधि केन्द्र खुल चुके हैं। इन केन्द्रों पर 2015 में जारी राष्ट्रीय जरूरी दवा सूची में शामिल 378 दवाइयों में से 309 उपलब्ध हैं। सिर्फ वे ही दवाइयां इन केन्द्रों  पर उपलब्ध नहीं हैं जो सरकार के विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से जनता को मिल रही हैं। पीएमबीजेपी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुमार सिंह ने स्वस्थ भारत डॉट इन को बताया कि उनके केन्द्रों पर मिलने वाली दवाइयों में 166 दवाइयां ऐसी हैं जो बाजार में उपलब्ध दवाइयों से 80-90 फीसद  सस्ती हैं। 73 दवा ऐसी है जो बाजार से 70-80 फीसद कम कीमत पर उपलब्ध है। 80  दवा ऐसी हैं जो 60-70 फीसद सस्ती है। एवं 383 दवाइयां ऐसी हैं जिनकी कीमत बाजार से कम से कम 50 फीसद जरूर कम है।
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गौरतलब है कि महंगी दवाइयों के कारण देश में लोग गरीबी रेखा से ऊबर नहीं पा रहे हैं। साथ ही जो निम्न मध्यम वर्ग है वो भी गरीबी रेखा के दलदल में फंसता जा रहा है। सस्ती दवाइयों की उपलब्धता से गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को फायदा मिलने की  संभावना जताई जा रही है। जनऔषधि केन्द्रों की उपलब्धता ने सस्ती दवाइयों के राह को आसान कर दिया है। पिछले दो वर्षों में 3500 सौ से ज्यादा नए जनऔषधि केन्द्र देश के 629 जिलों में खुल चुके हैं। उम्मीद की जानी चाहिए की आने वाले पीएमबीजेपी के ऐप से सस्ती दवाइयों की राह और आसान होगी।
 

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